मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

22 जून 2010

राजस्थान में बिना सम्बद्धता वाले कॉलेज भी कर रहे एडमिशन

बीकानेर संभाग में कई कॉलेजों ने विश्वविद्यालय से सम्बद्धता हासिल किए बिना ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों और अभिभावकों को ऎसे कॉलेजों से सचेत रहने की सलाह दी है। साथ ही इन कॉलेजों को भी नियम विरूद्ध प्रवेश प्रक्रिया आरंभ करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

सूत्रों ने बताया कि हाल में कई महाविद्यालयों ने सम्बद्धता प्रक्रिया पूरी किए बिना ही विद्यार्थियों से प्रवेश के लिए आवेदन पत्र लेने शुरू कर दिए हैं। विद्यार्थी अक्सर ऎसे महाविद्यालयों की पुष्टि किए बिना ही प्रवेश के लिए आवेदन भी कर देते हैं। बाद में किन्हीं कारणों से यदि सम्बद्धता नहीं मिल पाती तो इसका खामियाजा विद्यार्थियों को ही उठाना पडता है।

यहां भी गडबडझाला
विश्वविद्यालय को यह भी सूचना मिली है कि कई महाविद्यालयों को प्रवेश के लिए जितनी सीटें आवंटित हैं वे उससे कहीं ज्यादा बताकर विद्यार्थियों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। वे विषयों के बारे में भी गलत जानकारी दे रहे हैं। महाविद्यालयों में सीट बढाने व विषय आवंटित करने से सम्बंधित प्रस्ताव हालांकि विश्वविद्यालय में विचाराधीन होते हैं, लेकिन अनुमति के बिना ही उनका प्रचार-प्रसार नियम विरूद्ध है।

इसलिए बढे हौंसले
सूत्रों ने बताया कि पिछले वर्षो में भी कुछ महाविद्यालयों ने निर्धारित सीट व विषय स्वीकृत नहीं होने के बावजूद विद्यार्थियों से आवेदन-पत्र ले लिए थे। बाद में इसका पता चलने पर विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों का हित देखते हुए उन महाविद्यालयों से जुर्माना वसूल कर अतिरिक्त सीटें व विषय आवंटित कर दिए। पर अब ऎसी रियायत बन्द कर दी गई है।

कार्रवाई होगी
विश्वविद्यालय की सम्बद्धता लिए बिना प्रवेश देने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त स्वीकृति से अधिक सीटों व बिना सम्बद्धता प्राप्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रदान करने वाले छात्रों के आवेदन अस्वीकार कर दिए जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी संबंधित महाविद्यालय की ही होगी। -जसवंत सिंह खीचड, उपकुलसचिव, एम.जी.एस. विश्वविद्यालय, बीकानेर(राजस्थान पत्रिका,22.6.2010)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।