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01 जून 2010

कोटा के तकनीकी विश्वविद्यालय के लिए इंटीग्रेटेड कैंपस की परेशानी

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की ओर से तकनीकी शिक्षा में इंटीग्रेटेड कैम्पस स्कीम शुरू की गई है। इस स्कीम के तहत अब एक ही भू-भाग में विभिन्न कोर्सेज के कॉलेज संचालित किए जा सकेंगे। एक ही कैम्पस में इंजीनियरिंग, एमबीए, एमसीए और अन्य कॉलेज संचालित करने की खबर निजी कॉलेज संचालकों के लिए तो खुशी देने वाली रही, लेकिन तकनीकी विश्वविद्यालय के लिए उलझन बन गई।

विश्वविद्यालय के पास करीब एक दर्जन संस्थाओं ने स्कीम के अंतर्गत कॉलेज शुरू करने के आवेदन तो कर दिए, लेकिन अधूरे नियमों को चलते विश्वविद्यालय कोई फैसला नहीं ले पा रहा है।

यह है इंटीग्रेटेड स्कीम
सामान्यत: इंजीनियरिंग कॉलेज, एमबीए कॉलेज, एमसीए, फार्मेसी व अन्य कोर्सेज के कॉलेज शुरू करने के लिए अलग-अलग भूमि की जरूरत होती है। अन्य संसाधन जैसे कक्षाकक्ष, लाइब्रेरी, कम्प्यूटर लैब, हॉस्टल, ऑडिटोरियम, कैंटीन भी अलग-अलग संचालित करनी होती हैं, लेकिन इंटीग्रेटेड स्कीम के तहत एक भू-भाग में दो या अधिक कॉलेज खोले जा सकेंगे। अन्य संसाधनों को भी अलग-अलग कोर्सेज के विद्यार्थियों के लिए कॉमन रूप से काम में लिया जा सकेगा।

यह है परेशानी
एआईसीटीई की ओर से वेबसाइट पर स्कीम की जानकारी देने के साथ ही राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में करीब एक दर्जन कॉलेजों ने आवेदन कर दिया। भू-भाग की उपलब्धता को देखते हुए विश्वविद्यालय की ओर से इन कॉलेजों को अनुमति देने का तो मन बनाया जा रहा है लेकिन संसाधनों के बंटवारे के नियम नहीं होने से उलझन बढ गई है।

यह है उलझनें
- एक ही भवन के कक्षाकक्षों में विभिन्न कोर्सेज की कक्षाएं कैसे संचालित होंगी।
- कम्प्यूटर लैब में सभी कोर्सेज के विद्यार्थियों को कैसे समय मिल सकेगा।
- लाइब्रेरी में पुस्तकों का विभाजन कैसे होगा। पुस्तकों की संख्या बढाई जाए या नहीं।
- हॉस्टल्स में विद्यार्थियों को कैसे एडजस्ट किया जाएगा।
- ऑडिटोरियम का उपयोग कैसे होगा।
- प्लेसमेंट सेल एक होगा या अलग-अलग।
- हर कोर्स के लिए अलग ऑफिस होगा या एक ही।
- कैंटीन कॉमन होगा या अलग-अलग।

रिसोर्स शेयरिंग कैसे होगी
एआईसीटीई की ओर से स्कीम शुरू करने को आधार बनाकर सम्बद्धता देने पर तो विचार किया जा रहा है लेकिन जब तक नियम पूरे नहीं आ जाते, तब तक रिसोर्स शेयरिंग कैसे होगी इस बारे में उलझन बनी रहेगी।
-गीतेश विजय, उपनिदेशक, अकादमिक विभाग, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय
(राजस्थान पत्रिका,कोटा,1 जून,2010)

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