सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए बीएड या डीएड करने से ही काम नहीं चलेगा। अगले साल से उम्मीदवारों को स्टेट टीचिंग एलिजिबिलिटी टेस्ट (एसटीईटी) भी पास करना होगा। इसे हर राज्य अपने स्तर पर आयोजित करेगा लेकिन इसकी रूपरेखा नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) बनाकर देगी।
यह जानकारी एनसीटीई के नेशनल चेयरपर्सन प्रो. मोहम्मद अख्तर सिद्दिकी ने नई दिल्ली से दूरभाष पर दैनिक भास्कर को दी। उन्होंने बताया कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून के पारित होने के बाद गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की जरूरत बढ़ गई है।
इस बारे में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने एक अध्ययन किया है। इसमें यह सामने आया है कि शिक्षकों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा लेनी जरूरी है। एसटीईटी नामक इस टेस्ट को अगले साल से पूरे देश में अनिवार्य किए जाने की संभावना है।
इसे लेकर मध्यप्रदेश सहित सभी राज्यों से चर्चा हो चुकी है। शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए यह परीक्षा राज्य स्तर पर ही ली जाएगी, लेकिन एनसीटीई के गाइडलाइन के तहत इसका आयोजन होगा। इसका नोटिफिकेशन भी जल्दी ही जारी किया जा रहा है। अगले साल से यह सभी राज्यों में अनिवार्य कर दी जाएगी।
एसटीईटी से शिक्षकों की गुणवत्ता में इजाफा होगा। इससे शिक्षा का अधिकार कानून के तहत बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाने की सरकार की प्रतिबद्धता पूरी हो सकेगी।
प्रो मोहम्मद अख्तर सिद्दिकी, नेशनल चेयरपर्सन, एनसीटीई
शिक्षक प्रशिक्षण की नई नीति शीघ्र घोषित हो : चिटनिस
मध्यप्रदेश सरकार ने केन्द्र से शिक्षा के व्यापक प्रसार के लिए शिक्षक प्रशिक्षण की नई नीति शीघ्र घोषित की जाने की मांग की है। प्रदेश की स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनिस ने शुक्रवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की अध्यक्षता में शिक्षा नीति पर आयोजित देश के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में मांग करते हुए कहा कि शिक्षा के व्यापक प्रसार के लिए शिक्षक प्रशिक्षण की नई नीति शीघ्र घोषित की जानी चाहिए।
चिटनिस ने सभी राज्यों के शिक्षामंत्रियों का ध्यान आकषिर्त करते हुए कहा कि चालू पंचवर्षीय योजना के तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी भारत सरकार ने शिक्षक प्रशिक्षण की नई योजना अब तक घोषित नहीं की है। इससे शिक्षा के लोक व्यापीकरण का कार्य प्रभावित होगा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि राच्य सरकार ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और शिक्षा के अधिकार के तहत प्रदेश के सभी बच्चों को शिक्षा देने के लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है(दैनिक भास्कर,भोपाल,19.6.2010)
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