रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से संबद्ध सौ निजी कॉलेज निर्धारित मानकों पर खरा नहीं उतर रहे हैं। किसी के पास भवन, खेल मैदान नहीं तो किसी ने शिक्षकों की नियमित नियुक्ति तक नहीं की है। यह खुलासा तथ्यान्वेषण समिति की उस रिपोर्ट में हुआ है जिसने विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के दस्तावेजों की जांच की है। रिपोर्ट पर यदि सख्ती से अमल किया गया तो एक सैकड़ा से अधिक निजी कॉलेजों में ताला लग सकता है।
ज्ञात हो कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.रामराजेश मिश्र के निर्देश पर निजी कॉलेजों का पोस्टमॉर्टम शुरू किया गया। इसके लिए एक तथ्यान्वेषण समिति का गठन हुआ जिसे कॉलेजों में विश्वविद्यालय अधिनियम २७ और २८ के संबंध में छानबीन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। समिति में चेयरमेन प्रो.जेपी मिश्रा, कार्यपरिषद सदस्य डॉ. एसएम द्विवेदी, प्रो. चित्रलेखा चौहान, डॉ. मीता श्रीवास्तव, डॉ. राधारानी शर्मा, डॉ. बीके साहू को शामिल किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, पिछले दिनों समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर कुलपति के हवाले कर दी है। खबर है कि रिपोर्ट को कार्यपरिषद के समक्ष रखा जाएगा। यहीं पर नियमों को पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों का भविष्य तय होगा।
हर स्तर पर हो रही जांच : कमेटी विश्वविद्यालय से संबद्ध हर कॉलेज की फाइल उलट रही है। निजी कॉलेजों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसमें जिस कॉलेज में शिक्षकों की नियुक्ति नियमित नहीं की गई है, उनकी सूची तैयार की जा रही है। कॉलेजों को पहले तो शिक्षक नियुक्त करने के लिए निर्देशित किया जाएगा, फिर भी नहीं माने तो कार्रवाई की जाएगी। इसमें ऐसे कॉलेजों की संख्या अधिक होना बताया जा रहा है जिन्होंने संबद्धता के वक्त शपथ-पत्र देकर कहा था कि आने वाले एक-दो वर्ष में वे कमियों को दूर कर लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं कर सके। ऐसे कॉलेजों की भी अलग सूची बनाई जा रही है। कमेटी ने २००४ के बाद कोड २८ के तहत हुई नियुक्ति पर भी सवाल खड़े किए हैं। ये सभी नियुक्तियां नियम के अनुरूप नहीं की गई थीं। इसके अलावा कोड २७ के तहत सभी कॉलेजों की जन्मकुंडली बनाई गई है जिसमें पाया गया है कि दर्जनों कॉलेजों के पास निर्धारित अवधि बीतने के बावजूद खुद का भवन नहीं है। खेल के मैदान की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई। अधिकांश कॉलेज छात्राओं के लिए कॉमन रूम, प्रसाधन, लाइब्रेरी और प्रयोगशाला जैसी आवश्यक जरूरतों को पूरा नहीं कर रहे हैं।
रिपोर्ट पर क्या होगा अमल : प्रशासन ने मापदंड पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों के खिलाफ रिपोर्ट तैयार तो कर ली है, लेकिन इस पर कितना अमल होगा यह कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, यदि रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होती है तो एक सैकड़ा से ज्यादा कॉलेजों को बंद करने की नौबत आ जाएगी। इधर कॉलेजों में जांच की खबर पहुंचते ही हड़कंप मचा हुआ है। बताया जाता है कि कई कॉलेज राजनीतिक दलों के दिग्गजों के हैं। कार्रवाई को लेकर विवि प्रशासन को राजनीतिक दबाव भी झेलना पड़ सकता है। इन सबके बीच रिपोर्ट पर कितना अमल होता है यह तो कार्यपरिषद के निर्णय के पश्चात ही पता चलेगा(नई दुनिया,जबलपुर,26.7.2010)।
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