स्कूलों में लेक्चर्स को अब छठी से बारहवीं कक्षा तक के सभी छात्रों को पढ़ाने की शर्त अनिवार्य कर दी गई है। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
नए नियमों में स्कूल लेक्चर्स के लिए यह प्रावधान किया गया है कि स्कूल लेक्चर्स जमा दो और जमा एक के छात्रों को वे विषय पढ़ाएंगे, जो उन्होंने स्नातकोत्तर स्तर की कक्षाओं तक पढ़े हैं। इसी तरह छठी से दसवीं कक्षा तक वे दो विषय पढ़ाने होंगे जो ग्रेजुएशन स्तर तक पढ़े होंगे। यहीं नहीं सरकार किसी भी अनुबंध लेक्चरर को नियुक्ति देते समय छठी से बारहवीं कक्षा तक पढ़ाने का शपथ पत्र भी लेगी। वर्तमान में स्कूल लेक्चर्स मात्र जमा एक और जमा दो कक्षाओं को ही पढ़ा रहे हैं।
छठी से दसवीं कक्षा तक के विषयों को पढ़ाने का जिम्मा टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स) को सौंपा गया है, लेकिन नए नियमों के अनुसार स्कूल लेक्चर्स अब छठीं से बारहवीं कक्षाओं तक के छात्रोंे को पढ़ाने का जिम्मा उठाएंगे। यही नहीं सरकार ने नए नियमों में यह शर्त भी लागू कर दी है कि केवल उन्हीं लेक्चर्स को पूरा वेतन मिलेगा, जो शिक्षा विभाग की ओर से तय किए गए न्यूनतम लेक्चर की शर्त को पूरा करेंगे। कम कक्षाएं पढ़ाने पर स्कूल लेक्चर्स का वेतन काटे जाने का प्रावधान भी रहेगा। शिक्षा विभाग की ओर से तय किए गए ये नियम उन सभी स्कूल लेक्चर्स पर लागू होंगे, जिनकी नियुक्तियां अनुबंध आधार पर की जा रही हैं।
नियमित पर नहीं
विभाग की ओर से तय किए गए इन नए नियमों का असर उन स्कूल लेक्चर्स पर नहीं पड़ेगा जो नियमित आधार पर हैं। इनकी नियुक्तियां पुराने नियमों से की गई थी जिसके कारण यह शर्त उन पर लागू नहीं की जा सकती है।
सिर्फ अनुबंध पर
प्रधान सचिव शिक्षा श्रीकांत बाल्दी ने बताया कि मानना है कि नए नियमों के अनुसार स्कूल लेक्चर्स के लिए छठी से बारहवीं कक्षा तक पढ़ाने की शर्त अनिवार्य कर दी गई है, जो वर्तमान में कार्यरत सभी अनुबंध लेक्चर्स पर लागू होगी(दैनिक भास्कर,शिमला,25.7.2010)।
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