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02 जुलाई 2010

चंडीगढ़ के 184 गेस्ट टीचरों की छुट्टी

संघ राज्य क्षेत्र चंडीगढ़ के गेस्ट टीचरों के लिए बृहस्पतिवार का दिन संकट वाला रहा, प्रशासन ने कांट्रेक्ट पर लगे 184 टीचरों को नौकरी से बाहर कर दिया। सेवाएं समाप्त कर दिए जाने के चलते टीचर चंडीगढ़ गेस्ट टीचर एसोसिएशन के बैनर तले दिनभर प्रशासन व शिक्षा विभाग से नए सत्र के लिए पुन: रखे जाने की आस में लगे रहे। गेस्ट टीचर एसोसिएशन के प्रधान राजबीर सिंह ने कहा कि प्रशासन उन्हें आगे अप्रूवल देने व सेवाएं जारी रखने का वादा किया था लेकिन अब उन्हें मंझधार में छोड़ा जा रहा है। प्रशासक के सलाहकार को सुनाया दुखड़ा : नौकरी से निकाले गए टीचर्स और अन्य रोष जाहिर करते हुए सिविल सचिवालय पहुंचे और प्रशासक के सलाहकार प्रदीप मेहरा को स्थिति से अवगत करवाते हुए न्याय की मांग की। एसोसिएशन के प्रधान राजबीर सिंह ने बताया कि मेहरा ने उन्हें भरोसा दिलाया कि अप्रूवल के संबंध में सप्ताह भर में फैसला ले लिया जाएगा। मार्च के बाद नहीं बढ़ाना था कॉन्ट्रेक्ट : हालांकि गेस्ट टीचरों को सरकारी स्कूलों में स्थाई नियुक्ति की कोई गुंजाइश नजर नहीं आती, प्रशासन पहले ही यह घोषणा कर चुका है कि कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर लगाए गए टीचरों के कार्यकाल में अंतिम बढ़ोतरी मार्च 2010 तक ही की जानी थी। टीचर मनमोहन, राजेश व कमलजीत ने कहा कि गेस्ट टीचरों को भर्ती में प्राथमिकता दी जानी चाहिए व जब तक भर्ती नहीं की जाती तब तक के लिए सभी गेस्ट टीचरों को अस्थायी आधार पर नियुक्ति प्रदान की जाए। एकाएक सेवाएं समाप्त किए जाने के चलते सोशल स्टडीज, जेबीटी, मेडिकल, नॉन मेडिकल, फाइन आर्ट्स, हिंदी और पंजाबी भाषा पढ़ाने वाले गेस्ट टीचरों पर गाज गिरी है(दैनिक जागरण,चंडीगढ़,2.7.2010)।

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