यूजीसी से मिली 10 लाख रुपये की ग्रांट के बाद गदगद हो रहे सेक्टर- 39 स्थित गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज प्रशासन की खुशी दुख में बदल गई है। यूजीसी ने धनराशि के इस्तेमाल के लिए शर्त रखी है कि इसका इस्तेमाल सिर्फ साइंस डिपार्टमेंट के अपग्रेडेशन के लिए हो, जबकि हकीकत में कॉलेज में साइंस डिपार्टमेंट है ही नहीं। इससे परेशान कॉलेज प्रशासन ने शासन को लेटर भेजकर कॉलेज में जल्द से जल्द साइंस डिपार्टमेंट और एमए कोर्सेज शुरू करने की मांग की है। अंदेशा जताया गया है कि अगर शासन ने पीजी कोर्सेज शुरू करने पर तेजी नहीं दिखाई तो सारा पैसा यूजीसी के अकाउंट में लौट जाएगा।
कार्यवाहक प्रिंसिपल वीना लोहनी ने हायर एजुकेशन डायरेक्टर मियां जान को लेटर लिखकर अवगत कराया है कि गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज नोएडा का एकमात्र सरकारी कॉलेज है। इसमें मौजूदा समय में करीब ढ़ाई हजार स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। कॉलेज में फिलहाल बीए, बीकॉम, बीएससी, एमए इकॉनॉमिक्स और एमकॉम की पढ़ाई कराई जाती है। पैरंट्स और स्टूडेंट्स द्वारा पिछले कई सालों से यहां पीजी क्लासेज की संख्या में बढ़ोतरी की मांग की जाती रही है। इसके संदर्भ में कॉलेज प्रशासन ने भी यूनिवर्सिटी को कई लेटर भेजें हैं। एमए में इंग्लिश, हिंदी, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, सोशियोलॉजी, एजुकेशन साइंस, म्यूजिक और एमएससी में बॉटनी साइंस, कैमिस्ट्री साइंस, फिजिक्स साइंस, बायलॉजी साइंस और एनिमल साइंस के कोर्स शुरू करने की डिमांड की थी। लेकिन किन्हीं वजहों से आज तक इस डिमांड पर अमल नहीं हो पाया है और न ही कोई उपयुक्त जवाब दिया गया है। अब लखनऊ सेके्रटरियेट में 15 अगस्त से पहले उच्च स्तरीय बैठक होगी, जिसमें कॉलेज के इस लेटर पर फैसला करते हुए पीजी कोर्सेज शुरू करने पर मुहर लगाई जा सकती है(देवेन्द्र कुमार,नभाटा,नोएडा,25.7.2010)।
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