अगर आप 12वीं के बाद एजुकेशन लोन लेकर प्रोफेशनल कोर्स पढ़ने की चाहत रखते हैं और महज ब्याज के डर से लोन नहीं ले पा रहे तो अब चिंता की कोई बात नहीं। भारत सरकार अब आपके एजुकेशन लोन का ब्याज खुद चुकाएगी। वो भी आपकी पढ़ाई ख़त्म होने के एक साल बाद तक या आपकी जॉब लगने के छह महीने बाद तक। इस योजना का लाभ देश भर के ऐसे सभी छात्रों को दिया जायेगा जिनके परिवार की सालाना इनकम साढ़े चार लाख रुपये से कम है। इंडियन असोसिएशन ऑफ़ बैंक्स के सहयोग से केंद सरकार द्वारा बनाई गयी इस योजना से आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को राहत देने का प्रयास किया गया है। इसके बारे में प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री पहले ही घोषणा कर चुके हैं लेकिन इसे अमली जामा अब पहनाया जा रहा है। उम्मीद है कि इससे देश के पांच लाख छात्रों को फायदा होगा।
पिछले दिनों महाराष्ट्र सरकार के टेक्निकल और हायर एजुकेशन विभाग ने राज्य के सभी तहसीलदारों को इस बाबत निर्देश जारी किये हैं। 3 जुलाई को तहसीलदारों को भेजे गए एक जीआर में उन्हें आय प्रमाणपत्र के लिए सक्षम अधिकारी बनाते हुए कहा गया है कि वे उन जरुरतमंद और इच्छुक छात्रों को आय प्रमाणपत्र जारी करें जिनके परिवार कि सालाना आय साढ़े चार लाख रुपये से कम है।
ऐसे सभी लोन राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा दिए जायेंगे और भारत में मौजूद कोसोर्ं के लिए ही मंजूर होंगे जिनकी लिस्ट मानव संसाधन मंत्रालय तैयार कर रहा है। केनरा बैंक इस काम के लिए नोडल एजेंसी का काम करेगा। लोन सम्बन्धी अन्य दिशानिर्देश देश के सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों को 2 जुलाई को ही भेज दिए गए हैं।
केंद्र और राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से उच्च शिक्षा कि तरफ छात्रों का रुझान बढे़गा और काबिल छात्र आथिर्क वजहों से इससे वंचित नहीं होंगे। दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी वाले देश में इस तरह के कदम की ज़रूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी।
वर्षा गायकवाड, राज्य मंत्री, टेक्निकल एंड हायर एजुकेशन, महाराष्ट्र का कहना है कि केंद्र सरकार की योजना आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए वरदान साबित होगी। टेक्निकल एजुकेशन महँगी होने की वजह से देश के लाखों स्टुडेंट्स इससे वंचित रह जाते हैं। एजुकेशनल लोन लेने की हिम्मत भी सब लोग नहीं कर पाते। इस योजना के मुताबिक़ पूरे कोर्स के दौरान कर्ज की रकम पर जो ब्याज बनेगा उसे केंद सरकार देगी। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग एजुकेशनल लोन लेने को प्रोत्साहित होंगे।
क्या है एजुकेशनल लोन?
पढाई के लिए बैंकों द्वारा दिया जाने वाला लोन। इसके लिए पेरेंट्स को लोन दिया जाता है। अगर स्टुडेंट मेधावी है तो पेरेंट्स की चुकाने की क्षमता न भी हो तो भी लोन मंजूर किया जाता है। इसमे फीस के साथ बुक्स, कंप्यूटर, आने जाने का खर्च, इंस्ट्रुमेंट्स आदि कई चीजों का खर्च शामिल होता है। कोर्स के दौरान हर साल रकम रिलीज़ की जाती है।
देश में पढ़ने के लिए 5 लाख रुपये की सीमा
ब्याज 10-11.25 % सालाना
जॉब लगने के 6 महीने या कोर्स ख़त्म होने के एक साल के भीतर स्टुडेंट्स की ईएमआई शुरू होती है
7 साल के भीतर चुकाना होता है
अब क्या होगा
मान लीजिये कि एक पिता ने बेटी के इंजीनियरिंग कोर्स के लिए 4 लाख का लोन 4 साल के लिए लिया
बेटी जब लोन चुकाना शुरू करेगी तो 4 लाख मूलधन के हिसाब से ही ईएमआई शुरू होगी क्योंकि बीच की अवधि का ब्याज केंद सरकार दे चुकी होगी
कैसे और किसके लिए ...
*2009-10 या इसके बाद के कोर्सों के लिए
*केवल भारत में शिक्षा के लिए
*भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान और मान्य डिग्री, पीजी या डिप्लोमा कोर्सों के लिए
*परिवार की आय अगर 4.5 लाख से कम हो
*राज्य या भारत सरकार के अन्य विभागों द्वारा दिए जा रहे लोन पर भी ये सब्सिडी दी जाएगी
*पूरे कोर्स के दौरान छात्रों को कोई ब्याज नहीं देना होगा
*कोर्स ख़त्म होने के बाद भी एक साल या जॉब लगने के 6 महीने बाद तक कोई ब्याज नहीं
*इसके बाद भी बस बची हुई रकम पर देना होगा ब्याज
*अगर छात्र बीच में ही पढ़ाई छोड़ देता है या कॉलेज से निकाल दिया जाता है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा
*छात्र की डिग्री में दर्ज होगी एजुकेशनल लोन की जानकारी(कंचन श्रीवास्तव,नभाटा,मुंबई,26.7.2010)
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