सूचना संचार तकनीक के इस दौर में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की राह अब और आसान हो जाएगी। सरकार ने उन्हें बेहद कम कीमत पर लैपटॉप उपलब्ध कराने का रास्ता साफ कर दिया है। इसके लिए सरकार ने विशेष योजना के तहत 1500 रुपये में खास किस्म के लैपटॉप तैयार करवाए हैं जो कॉलेज छात्रों के लिए जरूरी सारे फंक्शन पूरे करने में सक्षम होंगे। सरकारी सब्सिडी के बाद ये लैपटॉप छात्रों को 750 रुपये में पड़ेंगे। सरकार की कोशिश इनका बड़े पैमाने पर उत्पादन कराने की है ताकि इन्हें 500 रुपये में उपलब्ध कराया जा सके। शुरू में ये लैपटॉप ग्रेजुएट स्तर के छात्रों को मिलेंगे, लेकिन आगे चलकर सभी छात्रों को उपलब्ध होंगे। देश में बिजली की समस्या को देखते हुए इन्हें बैटरी से चलाने और सौर ऊर्जा से चार्ज करने के इंतजाम भी किए गए हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने बृहस्पतिवार को यहां यह विशेष लैपटॉप लांच किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) की ओर से बनाए गए इस सबसे सस्ते लैपटॉप के बारे में उन्होंने कहा कि फिलहाल दस लाख खरीददारों के हिसाब से इस लैपटॉप की कीमत 1500 रुपये यानी 35 डॉलर है। इसमें भी सरकार आधी सब्सिडी देगी। इस तरह छात्रों को तो यह महज 750 रुपये में मिल सकता है। लैपटॉप के ग्राहकों के सवाल पर उन्होंने कहा कि सिर्फ सर्वशिक्षा अभियान और शिक्षा का अधिकार कानून के दायरे में आने वाले छात्रों की संख्या ही 16 से 20 करोड़ के आसपास है। सरकार इसकी कीमत भविष्य में और कम करके 20 डॉलर और अंत में दस डॉलर तक लाना चाहती है। इसे 2011 से छात्रों तक पहंुचाने का प्रस्ताव है। इस लैपटॉप को बनाने के लिए आईआईटी-कानपुर, आईआईटी-खड़गपुर और आईआईटी-मुंबई और आईआईटी-राजस्थान समेत दूसरे तकनीकी संस्थानों की कुल दस टीमें लगी थीं। इस पर अभी और शोध जारी है। सिब्बल के अनुसार कारपोरेट जगत ने भी इस दिशा में काम करने की रुचि दिखाई है। ऐसे में उम्मीद है कि आगे चलकर यह और कामयाब होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव एनके सिन्हा ने कहा कि कोई भी तकनीक किसी एक वर्ग या समुदाय के लिए नहीं होती, लेकिन पहली प्राथमिकता उन सभी तक इसे पहंुचाने की है जो सींखना चाहते हैं। चाहे वे प्राइमरी के छात्र हों या कॉलेजों के। यह लैपटॉप टच स्क्रीन वाला है। जबकि वीडियो वेब कांफ्रेसिंग, मल्टीमीडिया, इंटरनेट ब्राउजिंग, सर्चेबुल पीडीएफ रीडर, आडियो-वीडियो के लिए वायरलेस कम्युनिकेशन, रिमोट डिवाइस मैनेजमेंट, मल्टीमीडिया इनपुट-आउटपुट इंटरफेस आप्शन, क्लाउड कंप्यूटिंग आप्शन समेत उसे और उन्नत बनाने के रास्ते खुले हुए हैं। उसमें लाइनेक्स साफ्टवेयर है। इसे 32 जीबी की हार्ड डिस्क से जोड़ा जा सकता है। मेमोरी कम है, लेकिन उसे अलग से बढ़ाने के रास्ते खुले हुए हैं(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,23.7.2010)।
sahi nirnay !
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