सुप्रीम कोर्ट ने कल नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) से कहा कि वह उन निजी कॉलेजों को बी.एड. पाठ्यक्रम चलाने के लिए मान्यता न दे जो नियमों के तहत पात्रता शर्तो को पूरा नहीं करते हैं। न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति ए.के. गांगुली की पीठ ने कहा, भविष्य में किसी भी कॉलेज को एनसीटीई अधिनियम, 1993 के तहत पात्रता शर्तो को पूरा किए बिना मान्यता नहीं दी जानी चाहिए। एनसीटीई देश में अध्यापक प्रशिक्षण की नियामक संस्था है। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई के सदस्य सचिव से कहा कि वह एनसीटीई अधिनियम और उसके बाद बनाए गए नियमों के अनुपालन के संबंध में हलफनामा दायर करें। कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार के वकील को निर्देश दिया कि वह राज्य में निजी और सात विश्वविद्यालयों से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की पूरी सूची उसके समक्ष रखें जो शैक्षणिक सत्र 2005-06 से 2008-09 तक बी.एड. पाठ्यक्रम चला रहे थे(दैनिक जागरण,गोरखपुर संस्करण,22.7.2010)।
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