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02 जुलाई 2010

दिल्ली विश्वविद्यालय में ओबीसी छात्रों के लिए मौके बेशुमार

दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में पॉपुलर कोर्सेज में ओबीसी छात्रों के लिए अब भी ढेर सारे मौके हैं। यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस के लगभग सभी प्रमुख कॉलेजों में बीकॉम, आर्ट्स और साइंस कोर्सेज में ओबीसी छात्रों के पास कई बेहतर विकल्प हैं, लेकिन परेशानी यहां है कि यूनिवर्सिटी को हर साल पर्याप्त छात्र नहीं मिल पाते। अगर पिछले साल के अनुभव को देखा जाए तो डीयू में कई हजार ओबीसी सीटें खाली रह गई थीं बाद में डीयू को मजबूरन इन सीटों पर जनरल स्टूडेंट्स के दाखिले करने पड़े थे। आलम यह होता है कि कॉलेज ओबीसी छात्र को आखिर तक यानी चौथी कट ऑफ लिस्ट तक दाखिले का भरपूर मौका देते हैं लेकिन छात्रों के न मिलने से सीटें नहीं भर पाती। डीयू में इस साल पूरा 27 फीसदी ओबीसी कोटा लागू हो गया है और ओबीसी की सीटें बढ़कर करीब 14 हजार हो गई हैं।

नॉर्थ कैंपस के कॉलेज एसआरसीसी की बात करें तो यहां इस कैटेगरी के छात्रों के लिए बीकॉम ऑनर्स और इकनोमिक्स ऑनर्स में अब भी दाखिले के मौके है जबकि जनरल कैटेगरी में पहली लिस्ट में ही दाखिले बंद हो चुके थे। वहीं गार्गी कॉलेज में लगभग सभी कोर्सेज में जनरल की सीटें भर चुकी हैं,लेकिन अभी तक एक भी कोर्सेज में ओबीसी की फुल सीट फुल नहीं हो पाई है। हंसराज कॉलेज में भी ओबीसी छात्रों के लिए बीकॉम ऑनर्स, इको ऑनर्स, इंग्लिश ऑनर्स और हिस्ट्री ऑनर्स में दाखिले के चांस हैं।

वहीं ऑउट ऑफ कैंपस कॉलेज की बात की जाए तो यहां पर भी इस कैटेगरी के छात्रों के लिए राह बहुत ही आसान है। आईपी कॉलेज में जनरल की सभी सीटें भर चुकी है, लेकिन किसी कोर्स में ओबीसी सीटें नहीं भर पाई हैं। जानकी मेमोरियल
कॉलेज, कालिंदी, कमला नेहरू, लक्ष्मी बाई,लेडी श्रीराम कॉलेज, मैत्रेयी कॉलेज, मिरांडा, मोती लाल नेहरू कॉलेज, रामजस, सत्यवती में किसी कोर्स में ओबीसी सीटें नहीं भर पाई है। वहीं इस मामले पर डीयू प्रशासन का नियम है कि अगर ओबीसी की सीटें नहीं भर पाती है तो 16 अगस्त के बाद खाली सीटों पर जनरल कैटेगरी के छात्रों के दाखिले किए जाएंगे। डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर गुरप्रीत सिंह टुटेजा का कहना है कि इस बार भी इन सीटों के अधिक खाली रहने की उम्मीद है इसकी वजह है कि जनरल और कैटेगरी के कटऑफ में दस फीसदी से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए(हिंदुस्तान,दिल्ली,2.7.2010)।

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