दिल्ली विश्वविद्यालय में इस साल ओबीसी सीटें बढ़ने की वजह से ओबीसी छात्रों को ज्यादा मौके मिले हैं। इस मौके का फायदा ओबीसी छात्र भी उठाने की कोशिश कर रहे हैं। इस साल ओबीसी छात्रों में पिछले साल से ज्यादा दाखिले को लेकर उत्साह देखा गया है। आमतौर पर ओबीसी की ज्यादातर सीटें खाली रह जाती थीं। हालांकि अभी भी काफी सीटें खाली हैं। दयाल सिंह कॉलेज के प्रधानाचार्या आईएस बक्शी का कहना है कि दयाल सिंह कॉलेज में पिछले साल के मुकाबले सीटें बढ़ जाने के बाद भी कम सीटें खाली रहने की उम्मीद है। कॉलेज में सिर्फ 25 प्रतिशत सीटें ही खाली रह गई हैं। रामजस कॉलेज के प्रधानाचार्या राजेंद्र प्रसाद का मानना है कि इस साल कॉलेज में ओबीसी के छात्रों की काफी अच्छी प्रतिक्रिया आ रही हैं लेकिन अभी भी कई सीटें खाली हैं। नॉर्थ कैंपस के लगभग सभी प्रमुख कॉलेजों में बीकॉम, आर्ट्स और साइंस कोर्सेज में ओबीसी छात्रों के पास कई बेहतर विकल्प हैं। अगर पिछले साल के अनुभव को देखा जाए तो डीयू में कई हजार ओबीसी सीटें खाली रह गई थीं, बाद में डीयू को मजबूरन इन सीटों पर जनरल स्टूडेंट्स के दाखिले करने पड़े थे। आलम यह होता है कि कॉलेज ओबीसी छात्र को आखिर तक यानी चौथी कट ऑफ लिस्ट तक दाखिले का भरपूर मौका देते हैं लेकिन छात्रों के न मिलने से सीटें नहीं भर पातीं। डीयू में इस साल पूरा 27 फीसदी ओबीसी कोटा लागू हो गया है और ओबीसी की सीटें बढ़कर करीब 14 हजार हो गई हैं। वहीं गार्गी कॉलेज में ओबीसी की सीट फुल नहीं हो पाई हैं। हंसराज कॉलेज में भी ओबीसी छात्रों के लिए बीकॉम ऑनर्स, इको ऑनर्स, इंग्लिश ऑनर्स और हिस्ट्री ऑनर्स में दाखिले के चांस हैं। ऑउट ऑफ कैंपस कॉलेज की बात की जाए तो यहां पर भी इस कैटेगरी के छात्रों के लिए राह बहुत ही आसान है। आईपी कॉलेज में जनरल की सभी सीटें भर चुकी हैं, लेकिन किसी कोर्स में ओबीसी सीटें नहीं भर पाई हैं। जानकी मेमोरियल कॉलेज, कालिंदी, कमला नेहरू, लक्ष्मी बाई, लेडी श्रीराम कॉलेज, मैत्रेयी कॉलेज, मिरांडा, मोती लाल नेहरू कॉलेज, रामजस, सत्यवती में कई कोर्सों में ओबीसी सीटें खाली हैं। वहीं, इस मामले पर डीयू प्रशासन का नियम है कि अगर ओबीसी की सीटें नहीं भर पाती हैं तो 16 अगस्त के बाद खाली सीटों पर जनरल कैटेगरी के छात्रों के दाखिले किए जाएंगे(हिंदुस्तान,दिल्ली,23.7.2010)।
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23 जुलाई 2010
डीयूःओबीसी सीटें बढ़ने से दाखिलों में दिखा उत्साह
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