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21 जुलाई 2010

इस बार डीयू में बहुत कुछ होगा नया

ऑनलाइन पोर्टल
अब दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र लेक्चर, किताबों और प्रयोगों को ऑनलाइन देखने के साथ कर भी सकेंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय का इंस्टीटय़ूट ऑफ लाइफ लांग लर्निंग ने एक पोर्टल लांच किया है। इसमें ई-पाठ, ई-क्विज, ई-लैब और ई-लेक्चर का फायदा छात्र उठा सकेंगे। यही नहीं पोर्टल को बनाते समय नेत्रहीन छात्रों का भी खासा ख्याल रखा गया है। वो पोर्टल में टेक्स्ट का चुनाव करने के बाद उसे सुन सकेंगे। पोर्टल में अलग-अलग विषयों के कोर्स कंटेट को छात्र रंग के द्वारा पहचान सकेंगे। कॉमर्स कंटेट नीले रंग का, हरा रंग मानविकी का और नारंगी रंग विज्ञान विषय के कंटेट के साथ है।

पोर्टल की खासियत
- पोर्टल में तकरीबन 15 हजार से अधिक ई-क्वेशचंस
- ई-पाठ में बीए, बीकॉम, बीएससी के विषयों की पढ़ाई कर सकेंगे। इसमें करीब दौ सौ पाठ पड़े हुए हैं।
- छात्रों को बेहतर तरीके से समझाने के लिए एनीमेशन और इलेस्ट्रेशन का सहारा लिया गया है।
- पोर्टल में ई-लेक्चर को छात्र सुन सकेंगे।
- ई-लैब के द्वारा रसायन, भौतिकी जैसे विभिन्न विषयों के प्रयोगों को एनीमेशन और मल्टीमीडिया के द्वारा देख सकेंगे।

अगले साल से डीयू के फॉर्म ऑनलाइन
अगले वर्ष से आपको दिल्ली विश्वविद्यालय के फॉर्म भरने के लिए जगह-जगह जाने की जेहमत उठानी नहीं पड़ेगी, क्योंकि अगले वर्ष से दिल्ली विश्वविद्यालय के फॉर्म भरने की प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी।

डीयू के वाइस चांसलर प्रो. दीपक पेंटल ने बताया कि अगले वर्ष से डीयू में फॉर्म मिलने की प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस साल ऑनलाइन फॉर्म लागू करने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा डीयू की खुदी हुई सड़कें था लेकिन अगले साल से डीयू की फॉर्म भरने की प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। वहीं, अगले साल डीयू का इंटरनेट माध्यम भी काफी मजबूत हो जाएगा। उन्होंने बताया कि डीयू के पास इंटरनेट की पर्याप्त क्षमता मौजूद है जिससे डीयू बड़ी तादाद में आने वाले फॉर्म का एक्सेस ऑनलाइन कर सकें।

इसके लिए विप्रो कंपनी से डीयू ने करार किया है। इसके लिए स्टूडेंट लाइफ साइकिल बनाई जाएगी, यानी किसी भी छात्र का केंद्रीयकृत प्रोफाइल होगा जिससे छात्र को एक नंबर मिल जाएगा। उसका इस्तेमाल वह हमेशा कर सकेगा। छात्र उसी नंबर के द्वारा फीस जमा कर सकेगा और उसी नंबर के मार्फत उसके घर रसीद पहुंच जाएगी। इस नंबर के द्वारा छात्रों की उपस्थिति समेत कई महत्वपूर्ण जानकारियों को एक्सेस कर पाना संभव होगा। पेंटल ने कहा कि डीयू में लगातार बेहतर बदलाव जारी हैं और इस तरह की सुविधा छात्रों के लिए लाभकारी साबित होने वाली हैं।

अखबार, रेडियो के बाद अब डीयू टीवी
दिल्ली विश्वविद्यालय में अखबार, बेवसाइट, रेडियो के बाद अब डीयू टीवी भी आपकी जानकारी को बढ़ाएगा। इस साल से डीयू टीवी लांच किया जा रहा है।

डीयू बीट : यह अखबार 2007 में डीयू के कुछ छात्रों ने मिलकर शुरू किया था। डीयू बीट में कैंपस के महत्वपूर्ण फीचर, घटनाओं और खबरों का जिक्र होता है। यह अखबार मुफ्त में उपलब्ध है और इसके 15 कॉलेजों में मिलता है, जो छात्र लिखने के शौकीन हैं, वह पब्लिकेशन के लिए अपने लेख दे सकते हैं

कम्युनिटी रेडियो : कम्युनिटी रेडियो को 90.4 फ्रिक्वेंसी पर सुना जा सकता है। यह नॉर्थ कैंपस में स्थित है और दस किमी. की परिधि तक इसके प्रसारण को सुना जा सकता है। स्टेशन में शिक्षा से संबंधित प्रोग्राम, गाने और फोन इन काउंसलिंग आदि का प्रसारण किया जाता है। सक्सेस मंत्र कम्युनिटी रेडियो का सुपरहिट प्रोग्रामों में से एक है। इस प्रोग्राम के माध्यम से छात्रों को ये जानकारी दी जाती है कि सफलता पाने के लिए क्या जरूरी है। कम्युनिटी रेडियो का विचार तो नया नहीं है। 2008 में डीयू कम्युनिटी रेडियो ने दाखिले के दौरान छात्रों और अभिभावकों को अपने लॉइव इन प्रोग्राम के माध्यम से बहुत सी जानकारियां दी थीं। छात्रों के पास अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका होता है।

टीवी चैनल : अब विश्वविद्यालय का अपना टीवी होगा जिसे दिल्ली यूनिवर्सटी टेलीविजन नेटवर्क (डीयूटीएन) के नाम से जाना जाएगा। यह इंटरनेट आधारित टीवी होगा और यह नार्थ कैंपस के दस कॉलेजों में उपलब्ध होगा। इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ लांग लर्निंग के निदेशक प्रो. ए.के.बख्शी ने कहा कि यह अमेरिका के स्टूडेंट टेलीविजन नेटवर्क की तरह होगा। गौरतलब है कि स्टूडेंट टेलीविजन नेटवर्क से अमेरिका के विश्वविद्यालय जुड़े होते हैं।

जनरल कैटेगरी के लिए अभी हैं मौके
दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में इस बार जनरल कैटेगरी के छात्रों के लिए मौके दिखाई दे रहे हैं। इस साल डीयू में पूरा 27 फीसदी ओबीसी कोटा लागू हो गया है लेकिन विश्वविद्यालय को ओबीसी वर्ग के पर्याप्त छात्र नहीं मिल पा रहे। ऐसे में इसका सीधा फायदा जनरल कैटेगरी के स्टूडेंट्स को पहुंचना तय है। कॉलेजों का भी कहना है कि अगर उनके यहां ओबीसी सीटें नहीं भर पाती हैं,तो इन सीटों पर 16 अगस्त के बाद जनरल कैटेगरी के छात्रों के दाखिले शुरू कर दिए जाएंगे।

डीयू में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू होने से सीटें बढ़कर 54 हजार हो गई हैं जिनमें ओबीसी की करीब 14 हजार और एससी/एसटी की लगभग 11 हजार सीटें हैं। कॉलेज प्रिंसिपलों का कहना है कि जिन जनरल छात्रों का कटऑफ में अभी तक नाम नहीं आ पाया है, उन्हें डीयू में दाखिले की उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए क्योंकि कॉलेज ओबीसी सीटें न भरने पर इन सीटों को जनरल छात्रों के लिए खोल देते हैं। अगर पिछले साल के ट्रेंड को देखा जाए तो ओबीसी की पूरी सीटें बमुश्किल से ही भर पाई थीं।

इस बार पूरा ओबीसी आरक्षण लागू होने से सीटों की संख्या भी कहीं अधिक बढ़ गई हैं, ऐसे में ओबीसी की सीटें खाली रहने से इस सत्र में जनरल छात्रों के लिए के लिए कई मौके हैं।

अक्तूबर के बाद मिलेंगे हॉस्टल
इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों को कॉमनवेल्थ खेलों की वजह से अक्तूबर के बाद ही छात्रों को हॉस्टल मुहैया हो पाएंगे। हंसराज कॉलेज ने कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान हॉस्टल में ठहरने वाले विदेशी मेहमानों के लिए अपने विकलांग छात्रों से हॉस्टल छोड़ने को छूट दे दी है(हिंदुस्तान,दिल्ली,21.7.2010)।

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