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22 जुलाई 2010

कॉलेज प्राचार्य परीक्षा पर वेस्ट बंगाल प्रिंसिपल्स काउंसिल को आपत्ति

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नये फरमान से राज्य के विभिन्न कॉलेजों के प्रिंसिपल सकते में हैं. यूजीसी के नये नियमों के मुताबिक अब हर कॉलेज प्रिंसिपल को प्रत्येक पांच साल पर अपनी योग्यता साबित करनी होगी. उन्हें हर पांच साल पर साक्षात्कार प्रक्रिया से गुजरना होगा, और उत्तीर्ण होने पर ही अगले पांच के लिए अपने पद पर बने रह सकते हैं. साथ ही नये फरमान में पांच-पांच साल के दो कार्यकाल का जिक्र है.

उसके बाद क्या होगा इसका कोई जिक्र नहीं है. हालांकि इसे कब से लागू किया जायेगा, इस विषय में कुछ नहीं कहा गया है. इधर, वेस्ट बंगाल प्रिंसिपल्स काउंसिल ने इस आदेश पर घोर आपत्ति जतायी है. काउंसिल की मानें तो उच्च शिक्षा के सौ वर्ष के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. काउंसिल के महासचिव ने अंजन सेनगुप्ता ने बताया कि 30 जून को यूजीसी की साइट पर यह जानकारी डाली गयी.

उन्होंने बताया कि इसके संबंध में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सुदर्शन राय चौधरी को पत्र लिख कर ध्यान आकर्षित कराया गया है. जल्द ही प्रधानमंत्री, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को भी इस बाबत पत्र लिखा जायेगा.(प्रभात खबर,कोलकाता,22.7.2010)

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