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24 जुलाई 2010

जाली सर्टिफिकेट व अंक पत्रों पर यूजीसी की नकेल

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के उपाध्यक्ष प्रो. वेदप्रकाश सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा में अंकपत्र व प्रमाणपत्र को पारदर्शी बनाने एवं फर्जीवाड़ा रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर डिमैटिंग ऑफ सर्टिफिकेट एंड डिग्री एजेंसी बनाई जाएगी। एजेंसी देश के उच्च शिक्षण संस्थाओं के परीक्षा परिणाम व अंकपत्रों को ऑनलाइन करेगी। इससे शिक्षण संस्थाओं में सत्यापन का बोझ भी कम होगा। प्रो. सिंह शुक्रवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में ईस्ट जोन वीसी कांफ्रेंस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए शोधार्थियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इन्हें छात्रवृति के साथ अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी। इसके लिए 650 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यूजीसी मानक पर खरे उतरने वाले विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए भी 750 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान है। शिक्षकों की भर्ती और प्रोन्नति उनके शैक्षिक कार्य के आधार पर की जाएगी। शिक्षकों को अपडेट रहने के साथ ही शोध, प्रोजेक्ट व सेमिनार के लिए भी आगे आना होगा। प्रो. सिंह ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा में अधिक से अधिक छात्रों को मौका देने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत देश में 10 भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) व 20 राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान (एनआईटी) खोले जाएंगे। 11वीं पंचवर्षीय योजना में शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में 374 कॉलेज खुलेंगे। इसमें अल्पसंख्यक बहुल इलाकों को प्राथमिकता दी जाएगी(दैनिक जागरण,गोरखपुर संस्करण,24.7.2010)।

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