शिक्षकों के बीएलओ डय़ूटी में व्यस्त होने का खामियाजा बच्चे भुगतने को मजबूर हैं। शिक्षकों की कमी के चलते स्कूलों में पढ़ाई के साथ नामांकन व्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। लखनऊ से जिले के स्कूलों का जायजा लेने पहुंची टास्क फोर्स ने भी स्कूलों में शिक्षकों के न होने पर चिंता जताई। टास्क फोर्स की हेड ललिता प्रदीप ने शिक्षकों के गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाए जाने की समीक्षा करने की बात कही। शिक्षकों की कमी का असर स्कूलों में नामांकन, स्कूल चलो अभियान व अन्य कामों पर पड़ा है। शिक्षकों की कमी का आलम यह है कि कई स्कूलों में प्रभात फैरियां निकलवाने के लिए शिक्षक मौजूद नहीं है। सबसे बुरा असर स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया पर पड़ा है। सर्व शिक्षा अभियान टास्क फोर्स टीम की हेड ललिता प्रदीप ने शिक्षकों की कमी को गंभीर मानते हुए इसकी समीक्षा करने की बात कही(हिंदुस्तान,गाजियाबाद,23.7.2010)।
शिक्षकों के गैर शैक्षणिक कार्यो में लगे होने से स्कूलों में पढ़ाई की स्थिति बेहद खराब है। वहीं अन्य ब्लाकों की तुलना में नगर क्षेत्र के स्कूलों में स्थिति बेहद चिंताजनक है। नगर क्षेत्र के 137 स्कूलों में 246 शिक्षक-शिक्षिकाएं तैनात हैं। लेकिन इनमें से 204 शिक्षकों की ब्लाक लेवल ऑफीसर की डय़ूटी लगा दी गई है। इसके साथ ही लोनी, सिम्भावली, गढ़ व रजापुर ब्लाक में भी स्थिति जस की तस है। इन सभी ब्लाकों के अधिकांश शिक्षक फिलहाल बीएलओ डय़ूटी में व्यस्त हैं।
मुख्य समाचारः
24 जुलाई 2010
शिक्षकों की कमी पर टास्क फोर्स ने भी जताई चिंता
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