गढ़वाल विश्वविद्यालय की लापरवाही एक बार फिर छात्र-छात्राओं पर भारी पड़ गई है। विश्वविद्यालय द्वारा जारी डेट सीट में पीएचडी प्रवेश परीक्षा की तिथि स्पष्ट जानकारी नहीं दिए जाने की वजह से काफी संख्या में छात्र-छात्राओं की परीक्षा छूट गई। हालांकि छात्रों के विरोध के बाद छूटे छात्रों के लिए पीएचडी की एंट्रेंस परीक्षा आयोजित करने का आश्वासन मिला।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने विभिन्न कोर्सों में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम आयोजित कर रहा है। इसकी सूचना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी जारी की गई। लेकिन इसमें पीएचडी और एमफिल की प्रवेश परीक्षा के सामने तो १८ जुलाई की तिथि अंकित है, लेकिन यह दिया हुआ नहीं है कि यह परीक्षा किस किस विषय की होगी। नीचे अंकित विषयों के नाम और उनके सामने अंकित तिथि से आभास होता है कि एमफिल और पीएचडी की प्रवेश परीक्षा सामने अंकित तिथि पर होगी। इसी वजह से बुधवार को मैथ्स, जूलोजी, हॉर्टिकल्चर और एक्सटेंशन एजुकेशन विषय से एम.फिल और पीएचडी प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थी डीबीएस कालेज पहुंचे। जहां उन्हें एमफिल और पीएचडी के समस्त विषयों की परीक्षा १८ जुलाई को संपन्न होने की जानकारी मिली। इसके बाद परीक्षार्थियों ने विश्वविद्यालय द्वारा डेट शीट की प्रति दिखाते हुए आब्जर्वर प्रो. मदन स्वरूप रावत के सामने विरोध जारी किया। इसके बाद विश्वविद्यालय के परीक्षा प्रभारी से फोन पर उनकी बात हुई। तब जाकर छात्र शांत हुए। लेकिन विश्वविद्यालय के परीक्षा प्रभारी डॉ. एलजे सिंह का कहना है कि उक्त मसले पर विचार किया जाएगा। इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि १८ तारीख को अन्य तमाम जगहों पर आयोजित एमफिल/ पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में करीब ९९ प्रतिशत छात्र-छात्राएं शामिल हुए(अमर उजाला,देहरादून,22.7.2010)।
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