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25 जुलाई 2010

यूपीटीयू काउंसिलिंगःदो दर्जन कालेजों का नहीं खुला खाता

प्रदेश के दो प्राविधिक विश्वविद्यालयो (जीबीटीयू) व एमएमटीयू से सम्बद्ध कालेजो को अभिभावको व छात्रों की बेरुखी भारी पड़ी। इस वर्ष अभ्यर्थियो ने नये और पुराने करीब दो दर्जन कालेजो की सीटे लॉक नही की और करीब 20 से ज्यादा निजी इंजीनियरिंग कालेज दो अंको तक भी नही पहुंच पाये। इनमे लखनऊ, कानपुर, रामपुर फैजाबाद, मेरठ, बरेली, इलहाबाद, वाराणसी, कांशीरामनगर आदि जिलो के इंजीनियरिंग कालेज शामिल है। निजी कालेजो से अभ्यर्थियो के मुंह फेरने की मुख्य वजह जहां शिक्षक बढ़ी फीस बता रहे, वही अभिभावक कई कालेजों में इनस्ट्रक्चर न होने, शिक्षकों की कमी, बेहतर प्लेस्मेंट ने मिलने की आशंका से भी जेब ढीली नही करना चाह रहे है। उल्लेखनीय है कि बीटेक की पहले चरण की काउंसलिंग पूरी होने के बाद भी 50 हजार से ज्यादा सीटे खाली है। अलीग व कानपुर में चल रहे एक ही नाम के एक इंजीनियरिंग कालेज को भी झटका लगा है। उसके एक कालेज को चार तो दूसरे की संख्या 11 पर जाकर रुक गयी। बरेली के एक निजी कालेज को एक छात्र मिला तो मेरठ के एक कालेज को सिर्फ दो सीटे ही मिल पायीं। राजधानी के दो दर्जन से ज्यादा इंजीनियरिंग कालेजो की भी हालत खस्ता है। कई पुराने कालेज भी छात्राे को अपनी ओर खींच नही पाये। वराणसी के एक कालेज को सिर्फ चार छात्र मिले। मथुरा के गिरिराज संस्थान को बीटेक के लिए दो छात्रों ने ही अपनी च्वाइस लॉक की। ग्रेटर नोएडा व नोएडा का नाम भी अभ्यर्थियो को अपनी ओर खींच नही पाया है। निजी कालेजों से अभ्यर्थियो की बेरूखी पर राजधानी के प्रतिष्ठित सरकारी इंजीनियरिंग कालेज (आईईटी) के एक प्रोफेसर ने कहा कि निजी क्षेत्र मे खुले तकनीकी कालेजो की फीस सुरसा के मुंह की तरह बढ रही है। चार वर्ष की पाई मे छह से सात लाख खर्च के बाद भी छात्रों को कुछ नही मिल रहा है। इन निजी इंजीनियरिंग कालेजो से नौकरी देने वाली कम्पनियां भी मुंह फेरे रहती है। इनस्ट्रक्चर व शिक्षको की कमी भी एक वजह साबित हो रही है।
बीआईएमएस मे प्लेसमेंट की राह आसान : प्राविधिक विवि से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित बोरा इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेट साइंसेज मे प्लेसमेट की राह आसान है। संस्थान मे कम्प्यूटर लैब, पाठ्यक्रम की किताबो के साथ सुसज्जित पुस्तकालय भी है। संस्थान के मुख्य प्रबंधक पंकज बोरा बताते है कि प्लेसमेट के लिए कई कम्पनियो से करार हो चुका है और कई अन्य राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कम्पनियो से बात चल रही है।

बायोटेक्नोलॉजी का रहा क्रेज
प्राविधिक विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कालेजो तथा आठ अन्य विश्वविद्यालयो मे बीटेक बायोटेक्नोलॉजी मे प्रवेश के लिए शनिवार को आन लाइन काउंसलिंग मे जबरदस्त क्रेज दिखा। एक ओर बीटेक मे प्रवेश के लिए छात्र नही मिल रहे है, तो बायोटेक्नोलॉजी मे एक-एक सीट के लिए दो-दो छात्रों ने अपनी च्वाइस लॉक की है। इनमे सिर्फ 690 अभ्यर्थियो को ही सीटे आवंटित होगी। बाकी करीब 500 छात्रों को साफ्टवेयर ही सॉरी कर देगा। सीटो का आवंटन एसईई की टॉप मेरिट के अभ्यर्थियो के आधार पर होगा। दूसरी ओर बी फामहनसी के कालेजो की सीटो पर प्रवेश के लिए रविवार व सोमवार को काउंसलिंग होगी। प्राविधिक विवि (जीबीटीयू) के आईईटी के दो आन लाइन केन्द्रो पर शनिवार को 109 व 147 अभ्यर्थियो ने अपनी सीटे लॉक की है। उल्लेखनीय है कि बीटेक बायोटेक्नोलॉजी मे 690 सीटो के लिए काउंसलिंग की गयी। इन पर प्रवेश के लिए 1185 अभ्यर्थियो ने अपनी च्वाइस लॉक की है। प्राविधिक विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रक्रिया से जुे शिक्षकों ने बताया कि निर्धारित आरक्षण का पालन करते हुए मेरिट के आधार पर सीटो का आवंटन कर दिया जाएगा। इसके बाद बचे अभ्यर्थियो को 5000 रुपये के फीस वाले ड्राफ्ट को लौटा दिया(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,25.7.2010)।

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