प्रदेश सचिवालय के कुछ कामचोर कर्मचारियों पर नकेल कसने के लिए सचिवालय प्रशासन अब एक कदम और आगे बढ़ रहा है। बायोमीट्रिक मशीनों के सफल प्रयोग के बावजूद कुछ कर्मचारियों द्वारा अभी भी ड्यूटी पर हाजिर न रहने की प्रवृत्ति नहीं छोडऩे और केवल कार्यालय आने तथा छुट्टी के वक्त ही अपनी हाजिरी भरने के लिए सचिवालय में मौजूद रहने की प्रवृत्ति पाल लेने के चलते सचिवालय प्रशासन अब इस समस्या का हल निकालने पर भी विचार करने को मजबूर हो गया है। इसी के चलते सचिवालय प्रशासन ने अब बायोमीट्रिक मशीनों के बाद अब डोर सेंसर लगाने की योजना तैयार कर ली है और इस योजना की मंजूरी के लिए फाइल को आगे भी चला दिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सचिवालय प्रशासन ने जिन सेंसर डोर का प्रस्ताव तैयार किया है उन दरवाजों पर प्रत्येक कर्मचारी के अंदर बाहर जाने का समय स्वत: ही नोट होता रहेगा। इसके लिए प्रत्येक कर्मचारी को एक पहचान पत्र जारी किया जाएगा जिसके दरवाजे के सामने दिखाए जाने अथवा इसे दरवाजे में लगने वाली मशीन के भीतर डालने पर ही दरवाजा खुल सकेगा और ऐसा करने पर संबंधित कर्मचारी के भीतर अथवा बाहर जाने का समय स्वत: ही दर्ज हो जाएगा।
बताते हैं कि सचिवालय प्रशासन ने बायोमीट्रिक मशीनों की स्थापना के बाद नए सिरे से कर्मचारियों को लेकर सर्वेक्षण करवाया है। इस सर्वेक्षण में पता चला है कि कुछ आदत से मजबूर कर्मचारी बायोमीट्रिक मशीनों के लगने के बाद समय पर कार्यालय आना तो आरंभ हो गए हैं और छुट्टïी के वक्त भी वे अपनी हाजिरी लगाकर जा रहे हैं लेकिन दिन के वक्त वे अपने कार्यालय से गायब रहते हैं। ऐसे में सचिवालय प्रशासन द्वारा बायोमीट्रिक मशीनों को लगाने का पूरा उद्देश्य सफल नहीं हो पा रहा है।
सचिवालय प्रशासन द्वारा बायोमीट्रिक मशीनों को स्थापित करने से पूर्व करवाए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक सचिवालय के लगभग 30 फीसदी कर्मचारी अपने कार्यालयों से गैर हाजिर पाए गए। यही नहीं इन कर्मचारियों ने ड्यूटी से गायब रहने के बावजूद कोई भी आवेदन छुट्टïी के लिए नहीं छोड़ रखा था। इसी के चलते सचिवालय प्रशासन को बायोमीट्रिक मशीनें स्थापित करने पर मजबूर होना पड़ा। सचिवालय में इस समय लगभग 1500 कर्मचारी और अधिकारी हैं। इनमें 1396 विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारी, 32 आईएएस अधिकारी, 14 एचएएस अधिकारी और सचिवालय सेवाएं के 58 क्लास वन अधिकारी शामिल हैं। इन सभी को बायोमीट्रिक मशीनों पर हाजिरी लगाना जरूरी बनाया गया है। अभी तक आईएएस और एचएएस अधिकारियों तथा मंत्रियों और मुख्य संसदीय सचिवों एवं मुख्यमंत्री को इस शर्त से बाहर रखा गया था लेकिन सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन द्वारा विरोध किए जाने पर अब सभी अधिकारियों को भी इस शर्त के तहत लाया गया है। प्रदेश सचिवालय में पहली जून से विभिन्न स्थानों पर कर्मचारियों की हाजिरी के लिए 16 बायोमीट्रिक मशीनें स्थापित की गई हैं। इन्हीं मशीनों द्वारा उपलब्ध करवाई गई जानकारी के आधार पर अब कर्मचारियों के वेतन तैयार किए जा रहे हैं और उनकी छुट्टिïयों का ब्यौरा भी इन्हीं मशीनों की हाजिरी के आधार पर बनाया जा रहा है। चूंकि बायोमीट्रिक मशीनों पर हाजिरी लगाने के लिए अब सभी कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से सुबह और शाम कार्यालय आना जरूरी हो गया है। यही कारण है कि फिलहाल सचिवालय के कुछ कर्मचारी इस स्थिति को पचा नहीं पा रहे हैं और विरोध करने पर भी उतर आए हैं। यह दीगर बात है कि कानूनी तौर पर वे इसका विरोध नहीं कर सकते। क्योंकि बायोमीट्रिक मशीनों पर हाजिरी को लेकर सचिवालय प्रशासन ने नए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं(ज्ञान ठाकुर,दैनिक ट्रिब्यून,शिमला,25.7.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।