अग्रसेन कॉलेज को नए परिसर में शिफ्ट करने को लेकर शिक्षकों में रोष है। कॉलेज का ओरियंटेशन भी निर्माणाधीन परिसर में ही बारिश और कीचड़ के बीच हुआ है। कॉलेज शिक्षक संघ ने बुधवार को गवर्निंग बॉडी के सामने अपनी मांगें रखी हैं, जिन्हें पूरा करने पर ही शिक्षक नए परिसर में कक्षाएं लेंगे। संघ का कहना है कि निर्माणाधीन परिसर में छात्रों और शिक्षकों के लिए मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है, कॉलेज को अफरातफरी में शिफ्ट किया जा रहा है।
महाराजा अग्रसेन कॉलेज को नए सत्र से नए परिसर में शिफ्ट किया जा रहा है। लेकिन शिक्षक बिना किसी तैयारी के कॉलेज को नए परिसर में शुरू करने के पक्ष में नहीं है। यही नहीं नए सत्र को अगले सोमवार से शुरू किया जा रहा है। पहले ही इस बार सत्र नए कैलेंडर में चार दिन देर से शुरू हुआ है। इसे लेकर शिक्षक संघ ने कॉलेज में बैठक कर गवर्निंग बॉडी के सामने कुछ मांगे रखी है जिसमें तैयार कमरे, बिजली, पानी और सुरक्षा है। शिक्षक संघ के प्रमुख प्रो. नीरज कुमार का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन और गवर्निंग बॉडी ने शिक्षकों से बात नहीं की। फिलहाल महज १० कमरे बने हैं, वह भी पूरी तरह से तैयार नहीं है। कॉलेज के पूरे टाइमटेबल के लिए कम से कम ४० कमरों की जरूरत है। हाल फिलहाल सोमवार तक भी महज २० कमरे दिए जाएंगे। अभी कोई भी लैब तैयार नहीं है, पुस्तकालय शिफ्ट नहीं हुआ है। बिजली का काम होना बाकी है, रैलिंग नहीं लगे हैं।
सत्र को ऐसे शुरू करने से छात्रों को भी परेशानी है। लेकिन कॉलेज अपने फैसले पर अड़ा हुआ है। कॉलेज प्राचार्य. डॉ. सुनील सोंधी का कहना है कि नए परिसर के एक हिस्से में अभी निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन कक्षाएं शुरू करने के लिए पर्याप्त तैयारी है। नया सत्र नए परिसर में शुरू होगा और साथ-साथ काम भी पूरा होगा। उनका कहना है कि जो भी मूलभूत सुविधाओं का प्रश्न है, उन्हें सोमवार तक बहाल किया जाएगा जिससे शिक्षकों और छात्रों को कोई परेशानी न हो। सोमवार को भी इन्हीं मुद्दों को लेकर गवर्निंग बॉडी के साथ शिक्षक संघ की बैठक होगी।वसुंधरा में बन रही महाराजा अग्रसेन कॉलेज की नई इमारत का अभी यह हाल है( नईदुनिया,दिल्ली,26.7.2010)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।