आदिवासी क्षेत्रों में आदिम जाति कल्याण विभाग (वन्या) द्वारा कम्युनिटी रेडियो खुलने जा रहा है। बहुत जल्द ये रेडियो केंद्र मध्य प्रदेश के आठ शहरों में खोले जाएंगे। ये रेडियो स्टेशन एक ओर जहां आदिवासियों के लिए रोजगार का नया अवसर होंगे, वहीं आदिवासी अब उनकी भाषा-बोली में कार्यक्रमों का प्रसारण सुन सकेंगे। आदिवासियों के द्वारा तैयार कार्यक्रम भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा हाल ही में इन केंद्रों के खोले जाने की स्वीकृति दी गई है। आदिवासी और जनजाति के स्वरों और बोलियों को अभिव्यक्त करने के उद्देश्य से यह केंद्र खोले जाएंगे। इन सामुदायिक रेडियो केंद्रों से आदिवासियों द्वारा तैयार किए गए कार्यक्रम उन्हीं की बोली में उन्हीं के लिए प्रसारित किए जाएंगे। इससे इस क्षेत्र में आदिवासीयों की सहभागिता बढ़ेगी और दूरस्थ अंचलों से नए कलाकार सामने आएंगे। साथ ही, इन क्षेत्रों में सूचना तकनीकी के प्रति के जागरुकता बढ़ेगी। सबसे पहले तामियां का स्टेशन इस प्रक्रिया के तहत सबसे पहले तामियां (छिंदवाडा) का सामुदायिक रेडियो केंद्र शुरु किया जाएगा। जिसे तामिया पाताल कोट के नाम से भी जाना जाता है। आदिवासी क्षेत्रों में सामुदायिक रेडियो केंद्र खुल जाने से यहां के लोगों को शासन की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी मिलेगी और सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। फिलहाल, सूचना के अभाव के चलते ऐसी योजनाओं के बारे में उन तक जानकारी नहीं पहुंच पा रही थी(दैनिक जागरण,भोपाल,6.8.2010)।
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