हिमाचल प्रदेश पुलिस सर्विसेज (एचपीपीएस) से जुड़े अधिकारियों की वरिष्ठता सूची का विवाद सीएम हाउस तक पहुंच गया है। बुधवार को डायरेक्ट पुलिस अफसरों ने मुख्यमंत्री ने मुलाकात की। उन्होंने सीएम से हाईकोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग की।
प्रमोटी पुलिस अधिकारी भी मंगलवार को सीएम से मिले थे। उन्होंने सरकार के मुखिया से प्रमोटी अफसरों के हितों का ख्याल रखने की मांग उठाई थी। हाईकोर्ट ने एचपीपीएस की वरिष्ठता सूची दोबारा बनाने के निर्देश दिए हैं। इससे वरिष्ठता में भारी उथल-पुथल होने के आसार हैं।
अगर कोर्ट का फैसला लागू होता है तो उससे डायरेक्ट को प्रमोशन में लाभ होगा। इसमें खासतौर पर सीआईडी के एसपी विमल गुप्ता, चंबा के एसपी मधुसूदन, सेकंड आईआरबी की कमाडेंट रानी बिंदु, महिला आईआरबी बटालियन के कमाडेंट अजय किशन, यूएन मिशन पर चल रहे डीके चौधरी, विमुक्त रंजन, हमीरपुर के एडिशनल एसपी गुरदेव, सेकंड आईआरबी सकोह में तैनात अनुपम शर्मा, यूएन मिशन पर कार्यरत शुभ्रा तिवारी, विजिलेंस के धर्मशाला स्थित एडिशनल एसपी वीरेंद्र तोमर, विजिलेंस मुख्यालय में कार्यरत एडिशनल एसपी रंजना चौहान, कांगड़ा के एडिशनल एसपी उमापति जम्वाल, विजिलेंस के एडिशनल एसपी अरविंद दिग्विजय नेगी, एडिशनल एसपी रमेश छाजटा, संजीव गांधी, चंबा के एडिशनल एसपी दिवाकर शर्मा आदि लाभांवित होंगे।
सीएम से मुलाकात करने वालों में डायरेक्ट अफसरों में विजिलेंस के एसपी दलजीत ठाकुर, फस्र्ट बटालियन के कमाडेंट आरएस नेगी, एसपी क्राइम पुनीता भारद्वाज, नारकोटिक्स के एसपी जगत राम चौहान, सोलन के एसपी विनोद कुमार धवन, एसपी सीआईडी विमल गुप्ता आदि शामिल है।
प्रमोटी अफसरों में शामिल शिमला के एडिशनल एसपी एके धीमान का कहना है कि वे मीडिया ट्रायल नहीं चाहते। उनकी सीएम से क्या बात हुई, इसका ब्यौरा वह नहीं देंगे(दैनिक भास्कर,शिमला,5.8.2010)।
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