दिल्ली विश्वविद्यालय से अलग होकर बने दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) ने अब पाठ्यक्रम के मोर्चे पर भी अपनी राह अलग कर ली है। नए सत्र की शुरुआत के साथ ही पुराने को अलविदा कह नया पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन की माने तो नया पाठ्यक्रम बाजार की मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। पिछला पाठ्यक्रम बहुत पुराना हो चला था, इसलिए यह बदलाव किया गया है। डीटीयू पिछले साल ही डीयू के दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से स्वतंत्र विश्वविद्यालय के तौर पर अस्तित्व में आया था।
लेकिन पिछले साल भी विश्वविद्यालय के तौर पर यहां सिर्फ तीन कोर्सेज में ही छात्रों का दाखिला किया गया था। जबकि बाकी पाठ्यक्रमों में डीयू की प्रक्रिया के आधार पर दाखिले हुए थे। डीयू के आधार पर दाखिला लेने वाले छात्र अपनी डिग्री पूरी होने तक डीयू के पाठ्यक्रम के तहत ही पढ़ाई करेंगे।
जबकि डीटीयू के तीन पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए नया सिलेबस तैयार किया गया था। लिहाजा, अभी तक महज तीन पाठ्यक्रम के छात्र ही डीटीयू के सिलेबस से पढ़ाई कर रहे थे। डीटीयू प्रवक्ता रश्मि सबलानिया ने बताया कि डीटीयू में ग्रेजुएट स्तर पर कुल 14 कोर्सेज चलाए जा रहे हैं।
कॉलेज से विश्वविद्यालय में तब्दील होने के बाद ही डीटीयू ने नए सिलेबस पर काम शुरू कर दिया था, जिसमें से पिछले साल तीन पाठ्यक्रमों में इसे लागू भी किया गया था, लेकिन डीटीयू में इस साल पहली बार स्वतंत्र तौर पर दाखिले किए गए हैं इसलिए इस साल से इन सभी कोर्सेज में डीटीयू का नया सिलेबस ही लागू कर दिया गया है। इस साल से दाखिला लेने वाले सभी छात्र अब डीटीयू का सिलेबस ही पढ़ेंगे, डीयू का नहीं(दैनिक भास्कर,दिल्ली,4.8.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।