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07 अगस्त 2010

करिअर पर भारी न पड़ जाए लापरवाही

अल्प समय में सबकुछ पाने की चाह और दूसरों से आगे बढ़ने की होड़ तथा मुश्किलों से घबराकर भागने की आदत किसी के कॅरियर के लिए घातक साबित हो सकता है और राजधानी के अधिकांश युवा आजकल इसी दौर से गुजर रहे हैं। जल्दी-जल्दी कंपनी को चेंज कर वे अपनी थोड़ी सैलरी जरूर बढ़वा ले रहे हैं, लेकिन अपने रिज्यूम में अनस्टेबिलिटी को भी जोड़ते जा रहे हैं। अभी हाल ही युवाओं द्वारा जल्दी-जल्दी जॉब छोड़ने के चलते पुणे में 28 बड़ी कंपनियों के एचआर हेड ने एकत्र होकर यह निर्णय लिया कि अपना कांट्रेक्ट लेटर अधूरा छोड़कर आने वाले व्यक्ति को नौकरी पर नहीं रखा जाएगा, जब तक कि वह कंपनी के साथ अपना कांट्रेक्ट पूरा नहीं कर लेता। कंपनियों ने इसका मुख्य कारण यह बताया नए युवा के नौकरी पर आने पर उसे सिखाने में काफी रुपया और समय लगता है और बीच में जॉब छोड़ने पर कंपनी को नुकसान होता है। इसके अलावा इससे कंपनी के प्रति इनकी विश्र्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाता है। कंपनी नहीं करती विश्र्वास बार-बार जॉब बदलने वाले व्यक्ति पर कंपनी मैनेजमेंट भी विश्र्वास नहीं करती और जब जिम्मेदारी या ओहदे की बात आती है, तो सबसे पहले उस व्यक्ति को चुना जाता है, जो लंबे समय से कंपनी के साथ है। इंटरव्यू के दौरान जब कोई ऐसा व्यक्ति आता है, जो साल में तीन या चार बार स्विच ओवर कर चुका है, तो माना जाता है कि उस व्यक्ति में कंपनी के प्रति वफादारी नहीं है, या फिर वर्किंग क्वालिटी या एबिलिटी नहीं होगी। इसी वजह से वह जल्दी-जल्दी जॉब छोड़ रहा है। ग्रेडिंग से होता है सिलेक्शन एक निजी कंपनी की एचआर सपना के अनुसार नए आने वाले कैंडिडेट का चयन ग्रेडिंग के आधार पर किया जाता है। साल में दो या इससे ज्यादा बार जॉब बदलने वाले और एक ही जगह पर लंबे समय से काम करने वाला कैंडिडेट जब इंटरव्यू के लिए आते हैं, तो रिज्यूम देखकर ही उस कैंडिडेट को चुना लिया जाता है, जो एक ही संस्था में लंबे समय से काम कर रहा है। ऐसे कैंडिडेट को ए या ए प्लस ग्रेड डी जाती है। कैंडिडेट को ट्रेंड करने, काम की बारीकियां सिखाने व परफेक्ट करने में कंपनी का समय और पैसा लगता है। हर दो-तीन माह में नए व्यक्ति को लेकर काम सिखाने में कंपनी समय और रुपया बर्बाद नहीं कर सकती, इसलिए इस्टेबिलिटी आज के समय में महत्वपूर्ण हो गई है। कॅरियर काउंसलर और मनोवैज्ञानिक शबनम खान के अनुसार बार-बार जॉब बदलना या तो यह प्रकट करता है कि आप काम के प्रति जिम्मेदार नहीं हैं या फिर आपमें चुनौतियों का सामना करने की हिम्मत नहीं है। यह सही है कि जॉब चेंज करने से सैलरी में ग्रोथ होता है, लेकिन जल्दी-जल्दी जॉब चेंज करना आपके रिज्यूम को बिगाड़ सकता है और इसको कंपनी निगेटिव तरीके से लेती है(दैनिक जागरण,भोपाल,7.8.2010)।

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