सरकारी स्कूलों में इस सत्र से कम्प्यूटर पर रिजल्ट तैयार होगा। माध्यमिक शिक्षा की सभी स्कूलों को इसका सॉफ्टवेयर दिया जाएगा। इसकी एक कापी विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके माध्यम से कॉपियां जांच करने के बाद नम्बर सॉफ्टवेयर में अंकित किए जाएंगे। इससे एक कक्षा का परिणाम महज दो घंटे में हासिल किया जा सकेगा। इसके अलावा छात्र-छात्रा ,जातिगत और उम्र के हिसाब से अलग-अलग आंकडे भी प्राप्त किए जा सकेंगे।
गौरतलब है कि यह प्रोग्राम विभाग की ही एक अध्यापिका डी. कविता ने तैयार किया है। हालांकि पिछले सत्र में यह सॉफ्टवेयर तैयार हो चुका था, लेकिन पहले नम्बरों की गणना और बाद में सिलेबस में परिवर्तन के चलते इसमें कई तरह के सुधार किए गए। चालू सत्र में 18 अगस्त से शुरू होने वाले प्रथम परख से पूर्व सभी स्कूलों तक यह प्रोग्राम पहुंचाने की प्रयास किया जा रहा है।
बदली नम्बरों की प्रणाली
इस साल कक्षा नौ और ग्यारह में एनसीईआरटी पैटर्न लागू करने के कारण नम्बरों की गणना का तरीका बदला गया। राजस्थान बोर्ड पैटर्न में दो-दो प्रश्नपत्र हुआ करते थे, वहीं अब महज एक-एक प्रश्नपत्र होगा। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने वार्षिक परीक्षा में नम्बरों के गणना की नई प्रणाली घोषित कर दी। इसी के आधार पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने अर्द्धवार्षिक और अन्य टैस्टों के नम्बरों का विभाजन किया है। अगले साल कक्षा दस और बारह में भी एनसीईआरटी लागू किया जाना प्रस्तावित है। इसे देखते हुए अगले सत्र के लिए प्रोग्रामरों को सॉफ्टवेयर में वांछित बदलाव करने होंगे।
पूरी तैयारी है
'सॉफ्टवेयर को प्रथम परख से पूर्व पूरे राज्य में लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए निदेशालय स्तर का काम हम पूरा कर चुके हैं। एक सप्ताह में यह सॉफ्टवेयर राज्य के सभी विद्यालयों के लिए जारी किया जा सकता है।'
उमारानी द्विवेदी, उपनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा(राजस्थान पत्रिका,बीकानेर,7.8.2010)
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