निजी क्षेत्र में विद्यालय खोलने की प्रक्रिया अब और आसान होने जा रही है। राज्य सरकार से मान्यता लेने के बाद अब विद्यालय संचालकों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता नहीं लेनी पडेगी। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड समय-समय पर विद्यालयों की जांच करेगा और मापदण्डों में कमी पाए जाने पर विद्यालयों पर भारी जुर्माना करेगा। बोर्ड के इस कदम के बाद राज्य भर के विद्यालय संचालकों के अजमेर के फेरे भी कम हो जाएंगे। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड संभवत: अगले सत्र से यह प्रक्रिया शुरू कर देगा।
हर जिले में सब सेंटर
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कामकाज की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अब हर जिले में सब सेंटर भी खोलने जा रहा इै। इस वर्ष से सभी संभागीय मुख्यालयों पर इन सेंटर्स की शुरूआत की जाएगी। इसके बाद जिला स्तर पर सेंटर शुरू होंगे। जहां से बोर्ड के परिणाम, अंक तालिकाएं, विभिन्न गतिविधियों की सूचनाएं व कार्यादेश विद्यालयों को भेजे जा सकेंगे। साथ ही विद्यार्थी व संस्था प्रधानों की समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
पूरक परीक्षा की तैयारियां पूरी
26 अगस्त से शुरू होने जा रही बोर्ड की पूरक परीक्षाओं की तैयारियां पूरी कर ली गई है। राज्य के सभी 161 परीक्षा केन्द्रों की वीडियोग्राफी की जाएगी। यहां माइक्रोआब्जर्वर व पेपर कॉर्डिनेटर लगाए जाएंगे। संभावना है कि 20 अगस्त तक प्रश्नपत्र जिलों में पहुंच जाएंगे, जहां से परीक्षा केन्द्रों पर 24 अगस्त को वितरित कर दिए जाएंगे।
शुक्रवार को बोर्ड में हुई बैठक में पूरक परीक्षाओं की तैयारियों पर चर्चा हुई। साथ ही माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता देने की पद्धति में भी बदलाव के बारे में बताया गया। अब सिर्फ राज्य सरकार की मान्यता ही काफी होगी। बोर्ड से सम्बद्धता की जरूरत नहीं होगी। - मधु सोरल, उपनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा(राजस्थान पत्रिका,कोटा,7.8.2010)
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