लंबी उठापटक के बाद उच्च शिक्षा विभाग को इंटर्नशिप को लेकर हुई गलती सुधारने का रास्ता मिल ही गया। यह बात अलग है कि इसे खोजने में छात्र-छात्राओं को पहला महीना बिना सिलेबस के ही पढ़ाई करना पड़ी। नए सिलेबस के तहत अब कोई भी सेमेस्टर पूरी तरह से इंटर्नशिप का नहीं होगा। बल्कि स्नातक और स्नातकोत्तर में केवल दो-दो महीने की इंटर्नशिप होगी। विश्वविद्यालयों द्वारा परीक्षा और रिजल्ट में की जा रही सुस्ती पहले ही छात्र-छात्राओं को भारी पड़ रही थी। अब विभाग की सुस्ती का खामियाजा भी छात्र-छात्राओं को भुगतना होगा। स्नातक के पांचवें और स्नातकोत्तर के तीसरे सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को चार महीने की पढ़ाई तीन महीने में ही करना होगी। वजह है सिलेबस के इंतजार में निकला पहला महीना। यह सेमेस्टर शुरू तो एक जुलाई को हो गया था, मगर सिलेबस आजतक तैयार नहीं था। सिलेबस के अभाव में शिक्षक भी छात्रों को कुछ नहीं बोल सके। करीब तीन महीने चली उठापटक के बाद विभाग ने बुधवार को स्नातक के पांचवें और स्नातकोत्तर के तीसरे सेमेस्टर का सिलेबस जारी किया है। नए सिलेबस के तहत इन दोनों ही सेमेस्टर में अब दो-दो महीने की इंटर्नशिप होगी। यह इंटर्नशिप अंत के दो महीने में होगी। मुख्य परीक्षा इंटर्नशिप के बाद ही रखी जाएगी। रिजल्ट में इसके नंबर भी जोड़े जाएंगे। जबकि पुराने सिलेबस में विभाग ने पूरा सेमेस्टर ही इंटर्नशिप का रखा था। छात्र-छात्राओं को पूरे छह माह की इंटर्नशिप करना पड़ती थी। स्नातकोत्तर का तीसरा सेमेस्टर इसी पैटर्न में हुआ था(दैनिक जागरण,भोपाल,5.8.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।