चंडीगढ़ प्रशासन को शहर में कंप्यूटर साइंस के लिए एक भी लेक्चरर नहीं मिला है। यूटी हायर एजूकेशन डिपार्टमेंट ने हाल ही में शहर के चार गवर्नमेंट कॉलेजों में कॉन्ट्रैक्ट पर लेक्चर्स को नियुक्त करने के लिए पोस्ट निकाली थी।
47 पोस्टें कंप्यूटर साइंस लेक्चरर की थीं। इसके लिए 408 कैंडिडेट्स ने अप्लाई किया, लेकिन कोई भी यूजीसी के तय पैमानों पर खरा नहीं उतरा। यूजीसी के मुताबिक कंप्यूटर साइंस लेक्चरर बनने के लिए नेट क्वालिफाई होना चाहिए या कंप्यूटर साइंस में पीएचडी होनी चाहिए।
इससे स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। क्लासेज जुलाई से लगनी शुरू हो गई हैं, लेकिन लेक्चरर नहीं हैं। चार गवर्नमेंट कॉलेजों के करीब एक हजार स्टूडेंट इससे परेशान हैं। डिपार्टमेंट के एक आला अधिकारी ने बताया कि पिछले साल तक पीएचडी या नेट क्वालिफाई होना जरूरी नहीं था। तब 31 मार्च 2010 तक लेक्चरर कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए थे। इस साल यूजीसी ने नियम सख्त कर दिए और दिक्कत आ गई। अब डिपार्टमेंट ने यूजीसी को नियमों में ढील बरतने के लिए लिखा है। डिपार्टमें ने कहा है कि नेट या पीएचडी की शर्त न रखी जाए।
परेशान स्टूडेंट्स
स्टूडेंट रोहित कौशल ने कहा कि वह करीब रोज ही कंप्यूटर साइंस की क्लास के वक्त क्लासरूम में होते हैं, थोड़ी देर लेक्चरर का इंतजार भी होता है, फिर थोड़ी देर में क्लास खाली हो जाती है। स्टूडेंट श्वेता शर्मा ने कहा कि सिलेबस का तो पता है, इसलिए फ्रेंड्स आपस में ही बैठकर एक दूसरे से डिस्कर कर लेते हैं। स्टूडेंट अजय मेहरा ने कहा न जाने लेक्चरर कब आएंगे(गौरव भाटिया,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,7.8.2010)।
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