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07 अगस्त 2010

मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानःशिक्षक भर्ती पर उठाए सवाल

जयपुर के मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) में 11 अगस्त से शुरू हो रही शिक्षक भर्ती पर पूर्व शिक्षा मंत्री एवं विधायक कालीचरण सराफ ने अंगुली उठाई है।

नियमों को ताक पर रख भर्ती का आरोप लगाते हुए सराफ ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को पत्र लिखकर भर्ती पर रोक लगाने की मांग की है। दूसरी ओर एमएनआईटी प्रशासन ने भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी से इनकार किया है। विधायक ने पत्र में सात शिकायतें की हैं। उनके अनुसार एसोसिएट प्रोफेसर के रिक्त पदों के लिए विज्ञापन में दर्शाई न्यूनतम योग्यता बाद में बदल दी गई है। सहायक प्रोफेसर के रूप में न्यूनतम तीन साल पढ़ाने की योग्यता विज्ञापन से हटा दी गई है। विज्ञापन में विभागवार प्रोफेसर, रीडर व सहायक प्रोफेसर के रिक्त पद स्पष्ट रूप से नहीं दर्शाए गए हैं।

अभी एमएनआईटी में 150 स्थायी शिक्षक हैं, लेकिन उनमें एससी, एसटी और ओबीसी के शिक्षक बहुत कम हैं, इसलिए रिक्त स्थान बैकलॉग के रोस्टर के आधार पर भरे जाएं। इंजीनियरिंग के इतर विभागों में जरूरत से ज्यादा लोगों को पद दे रखे हैं, इसकी जांच की जानी चाहिए और यह भी पता लगाना चाहिए कि क्या यह सब सीनेट की स्वीकृति से हुआ है? यह जांच का विषय है कि क्या विभागवार सलेक्शन कमेटी के पैनल की वैधानिक निकाय से स्वीकृति ली गई? निदेशक और बोर्ड ऑफ गवर्नेस (बीओजी) का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, ऐसे में बीओजी के पुनर्गठन तक शिक्षक चयन प्रक्रिया रोक देनी चाहिए।

पारदर्शिता से की जा रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का इंस्टीट्यूट के ही कुछ शिक्षक अपने हित के लिए राजनीतिकरण कर रहे हैं। सभी 14 विभागों में एक्सपर्ट पैनल की स्क्रीनिंग कमेटी बना रखी है। आरक्षण नियमों का पालन किया जाएगा। इसमें विभाग को इकाई मानकर रोस्टर प्रणाली अपनाएंगे। एसोसिएट प्रोफेसर के लिए 6 साल के शिक्षण अनुभव का नियम है, जिसका पालन किया जा रहा है। - डॉ. आरपी दहिया, निदेशक, एमएनआईटी(दैनिक भास्कर,जयपुर,7.8.2010)

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