हिमाचल प्रदेश में अब स्कूल प्रवक्ता का काडर खत्म हो गया है। शिक्षा विभाग में अब अनुबंध पर जो भी भर्तियां होंगी वे पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (पीजीटी) की होंगी। ये अध्यापक छठी कक्षा से 12वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे। प्रत्येक पीजीटी को 30 कक्षाएं सप्ताह में लेनी ही होंगी। नए नियमों के अमल के बाद पुराने पक्के प्रवक्ता केवल 11वीं व 12वीं की कक्षाएं (दिन में सिर्फ दो लेक्चर) ही लेंगे। सरकार ने 19 जुलाई 2010 के बाद से प्रवक्ता काडर की व्यवस्था खत्म कर दी है क्योंकि स्कूलों में कार्य क्षमता बढ़ाई जानी थी। शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान कहते हैं कि अनुबंध पर नियुक्त प्रवक्ताओं को यूं तो 9वीं से 12वीं तक पढ़ाना होता है लेकिन अब वह छठी, सातवीं व आठवीं कक्षाओं में भी पढ़ाएंगे, यदि उनके लेक्चर पूरे न हो रहे हों। नए भर्ती नियमों में यह बदलाव किया गया है लेकिन पुराने नियम पहले से नियुक्त स्कूल प्रवक्ताओं और 19 जुलाई 2010 तक पदोन्नत हुए टीजीटी के लिए यथावत रहेंगे। उच्च शिक्षा निदेशक ओपी शर्मा कहते हैं कि जो भी नए पीजीटी भर्ती होंगे वे छठी से 12वीं तक की कक्षाएं लेंगे। 19 जुलाई के बाद जो भी ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) पदोन्नत होंगे वे प्रवक्ता नहीं होंगे और हाई स्कूल की कक्षाओं को पढ़ा सकेंगे। नए लोगों के लिए 30 लेक्चर लेना जरूरी होगा। अनुबंध पर भी जो नई भर्तियां होंगी वह लेक्चरार (प्रवक्ता) नहीं बल्कि पीजीटी ही होंगी। 19 जुलाई से पहले प्रमोट हुए एवं अनुबंध पर लगे लोगों का पदनाम वैसा ही रहेगा। हिमाचल में करीब साढ़े आठ हजार टीजीटी है और करीब इतने ही प्रवक्ता हैं। इनमें हाल ही में पदोन्नत टीजीटी व अनुबंध पर लगे प्रवक्ता भी हैं। अब पदोन्नत होने वाले टीजीटी को झटका लगेगा जबकि नई भर्ती वालों को भी काम ज्यादा करना होगा। हां, पहले से तैनात स्कूल काडर प्रवक्ताओं की मौज रहेगी(रचना गुप्ता,दैनिक जागरण,शिमला,7.8.2010)।
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