अखिल भारतीय इंजीनियरिंग फेडरेशन ने तकनीकी विभागों में मुखिया या संचालक के पदों पर अभियंताओं या तकनीकी अधिकारियों की नियुक्ति की मांग की। फेडरेशन ने अभियांत्रिकी व प्रशासनिक सेवा के बीच विषमताओं को खत्म करने की पैरवी कर इंजीनियरिंग आयोग के गठन की मांग भी उठाई। अखिल भारतीय इंजीनियरिंग फेडरेशन के अधिवेशन में तीन सूत्री मांगों को लेकर संघर्ष जारी रखने का निर्णय लिया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष एबी ठक्कर ने कहा कि देश का विकास अभियंताओं व तकनीकी अधिकारियों के कौशल पर ही निर्भर करता है। बदलते परिदृश्य में अभियंताओं व विशेषज्ञों को प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े अधिकारियों से कम नहीं आंका जा सकता। ऐसे में तकनीकी विभागों की कमान अभियंताओं व तकनीकी अधिकारियों के हाथों में ही सौंपी जानी चाहिए। महासचिव राजेश्वर मिश्रा ने कहा कि अभियंताओं के प्रति असमानता व भेदभाव की भावना रखने वाली प्रशासनिक संरचना पुरानी हो चुकी है। इस विषमता को दूर किया जाना चाहिए। दो दिवसीय अधिवेशन के पहले दिन उत्तरी जोन की कार्यकारिणी का चुनाव संपन्न हुआ, जिसमें एसएस निरंजन को अध्यक्ष और एके त्यागी को सचिव चुना गया। आरबी सिंह को सचिव प्रशासन व एनएन मलासी को सचिव वित्त चुना गया। प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीडी रतूड़ी ने प्रशासनिक सुधार आयोग द्वारा अभियांत्रिकी विभागों के लिए की गई संस्तुतियों को शीघ्र लागू करने की मांग उठाई। इस मौके पर प्रदेश महासचिव आरआर भट्ट, टीएन भारद्वाज, विकास शर्मा, पुरूषोत्तम सिंह मौजूद रहे(दैनिक जागरण,देहरादून,8.8.2010)।
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