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06 अगस्त 2010

बिहार में तैयार होगी कृषि वैज्ञानिकों की नई पौध

बिहार कृषि विश्र्वविद्यालय की स्थापना को ऐतिहासिक क्षण बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि भागलपुर में वैज्ञानिकों की नई पौध तैयार होगी। इस विश्र्वविद्यालय के नेतृत्व में बिहार में कृषि अनुसंधान का कार्य चलेगा। देश के अव्वल कृषि विश्र्वविद्यालयों में इसे शामिल करने के लिए सरकार ने पर्याप्त धन की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री गुरुवार को कृषि विश्वविद्यालय स्थापना समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि को बढावा देना उनका मिशन है। अब उनका प्रयास राज्य के इस कृषि विश्वविद्यालय को देश के अव्वल कृषि विश्र्वविद्यालयों में शुमार कराना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार ने पर्याप्त धन की व्यवस्था की है। कृषि के क्षेत्र में उनका एक मिशन है। उन्होंने कहा कि हमारा सपना देश के हर आदमी की थाली में बिहार का एक व्यंजन व हर भारतीय के रसोईघर में बिहार में उत्पादित कोई न कोई खाद्य पदार्थ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर अनुसंधान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डीजी को बिहार का प्रस्ताव दिया गया है। समस्तीपुर स्थित राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्र्वविद्यालय का दर्जा प्रदान करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा के दौरान भागलपुर में सबौर कृषि कालेज को विश्र्वविद्यालय का दर्जा देने की घोषणा की थी। इसके लिए विधानमंडल में अलग से एक विधेयक लाकर कानून बनाया गया जिसके बाद विश्र्वविद्यालय का मार्ग प्रशस्त हो सका। मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कृषि मंत्री रेणु कुशवाहा, खाद्य सह उपभोक्ता मंत्री व भागलपुर के प्रभारी मंत्री नरेन्द्र सिंह तथा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री अश्रि्वनी कुमार चौबे समेत कई अन्य उपस्थित थे। चालू होंगे बंद पड़े नलकूप पटना : बिहार के 28 जिलों के सूखाग्रस्त घोषित होने के बाद ठप पड़े 2379 राजकीय नलकूपों को पुन: चालू करने की कवायद शुरू हो गई है। सुखाड़ की घोषणा के बाद ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराकर इन नलकूपों को चालू करने का रास्ता साफ हो गया है। इस प्रयास में लघु सिंचाई विभाग को मुख्यसचिव की अध्यक्षता में गठित आपदा प्रबंधन ग्रुप की ताकत मिल गई है। इसके लिए ऊर्जा विभाग को मुंहमांगा राशि देने की तैयारी है। विश्र्व बैंक की योजना के तहत करीब 40 वर्ष पहले स्थापित 5400 राजकीय नलकूपों में 1769 ही चालू हैं। इनमें 131 ट्रांसफार्मर के अभाव में बंद हैं। इन्हें तुरंत चालू किया जा सकता है। नाबार्ड फेज 11 के तहत स्थापित 2748 में 2248 राजकीय नलकूप भी महज ट्रांसफार्मर के अभाव में बंद हैं। ऊर्जा विभाग इसकी आपूर्ति में टालमटोल कर रहा है। लघु सिंचाई मंत्री दिनेश प्रसाद के अनुसार नलकूपों को चालू कराने का अभियान चलाया जाएगा(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,6.8.2010)।

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