राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के दो मेडिकल सुपर स्पेशलिटी कोर्स (डीएम व एमसीएच) में भी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। हाल ही हुई चयन प्रक्रिया में भारी धांधली की सूचना पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने प्राथमिक जांच शुरू कर दी है।
मामला नियम कायदों को ताक में रखकर रसूखदारों को प्रवेश देने का है। इससे पहले आरपीएमटी में धांधली करके एमबीबीएस में प्रवेश का मामला पकड़ा गया था। एसीबी सूत्रों ने बताया कि पिछले माह यूनिवसिर्टी की तरफ से आयोजित सुपर स्पेशलिटी चयन परीक्षा में धांधली होने की शिकायत मिली थी। गोपनीय तरीके से जांच कराई तो संदेह होने पर सोमवार को मेडिकल यूनिवसिर्टी में टीम भेजकर चयन प्रक्रिया से जुड़े कुछ दस्तावेज जब्त किए।
ये आरोप हैं शिकायत में :
परीक्षा में धांधली की वजह से फेल हुए कुछ डॉक्टरों ने एससीबी से शिकायत की थी। बताया गया था कि इस साल यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में डीएम की प्रवेश परीक्षा के जरिए कुल 7 अभ्यर्थियों का चयन होना था। परीक्षा में कंप्यूटर पर ‘मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन’ पूछे गए थे। परीक्षा में 200 डॉक्टर बैठे थे, जिनमें से मेडिकल यूनिवर्सिटी ने कुल 35 अभ्यर्थियों को सफल बताया, लेकिन प्रैक्टिकल और इंटरव्यू के लिए जिन लोगों को कॉल भेजी, वे उम्र में काफी वरिष्ठ और कम योग्यता वाले थे।
इससे यह आशंका हुई कि शेष अभ्यर्थियों की ओएमआर सीट वाली उत्तरपुस्तिका की जांच में गड़बड़ी थी क्योंकि फेल माने गए अभ्यर्थियों में से कई का दूसरे राज्यों में चयन हो चुका था। मामले की शिकायत एक्जाम कन्वीनर डॉ. जीएस कालरा से की गई तो उन्होंने फिर मामला दिखवाया और इसे कंप्यूटर की गड़बड़ी मानकर दूसरी बार 24 अन्य अभ्यर्थियों को भी कॉल कर लिया। इनमें से 5 लोगों को परीक्षा, इंटरव्यू और प्रैक्टिकल में 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त हुए और उनका सुपर स्पेशलिटी कोर्स में चयन हो गया मगर दो सीटें अभी खाली हैं, जिन पर गुपचुप प्रवेश दिए जाने की तैयारी है।
निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया है। कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है।
- शशि सिंघवी, कुलपति, हैल्थ साइंस यूनिवर्सिटी
पारदर्शिता नहीं
एसीबी में दर्ज शिकायत के मुताबिक प्रवेश परीक्षा में पारदर्शिता नहीं अपनाई गई। हर साल परीक्षा में जो प्रश्न पूछे जाते हैं, उसकी उत्तर कुंजी बाद में वेबसाइट पर प्रकाशित की जाती है, ताकि परीक्षार्थी अपना आकलन कर सके, लेकिन इस बार उत्तर कुंजी का प्रकाशन नहीं किया गया(दैनिक भास्कर,जयपुर,5.8.2010)।
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