केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूली परीक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक और कदम उठाते हुए अगले वर्ष से 10वीं क्लास में सभी पांच विषयों में ऐच्छिक दक्षता परीक्षा (ऑप्शनल प्रोफिशिएंशी टेस्ट) लेने का निर्णय किया है। इससे पहले बोर्ड 10वीं की परीक्षा में अंक के स्थान पर ग्रेड देने और सतत समग्र मूल्यांकन (सीसीई) करने पर अमल कर चुकी है। अंग्रेजी, हिंदी, सामाजिक विज्ञान, गणित और विज्ञान विषयों में यह प्रस्तावित परीक्षा अगले वर्ष मई या जून महीने में हो सकती है। विद्यार्थी अपनी पसंद के एक या एक से अधिक विषयों में परीक्षा दे सकते हैं। इसका स्वरूप लिखित होगा और यह देश भर में एक ही दिन सभी स्कूलों में आयोजित की जाएगी। इसमें शामिल होने वाले विद्यार्थियों को 500 से 1000 रुपये तक की फीस देनी पड़ेगी। परीक्षा देने वाले छात्रों को सीबीएसई और परीक्षा लेने वाली एजेंसी की ओर से एक संयुक्त प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक विषय के लिए 100 अंकों की परीक्षा ली जाएगी और इसकी आवधि ढाई घंटे की होगी। सभी प्रश्न बहुवैकल्पिक प्रकार के होंगे जिसमें एक उत्तर सही होगा। गलत उत्तर देने के लिए नकारात्मक अंक प्रदान किए जाएंगे। परीक्षा में प्रश्न 9वीं और 10वीं कक्षा के सीबीएसई पाठ्यक्रम से पूछे जाएंगे। प्रश्नों की 10वीं बोर्ड की पारंपरिक परीक्षा से कोई समानता नहीं होगी। यह सूचना या याददाश्त पर आधारित नहीं होगी। इस परीक्षा के माध्यम से विषयों के बारे में छात्रों की समझ और क्षमता की परख की जाएगी। सीबीएसई के अध्यक्ष विनीत जोशी ने बताया, वैकल्पिक दक्षता परीक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों की रचनात्मकता, मानसिक क्षमता, विभिन्न विषयों के बारे में व्यावहारिक समझ, विषयों का रोजमर्रा के काम में इस्तेमाल, आंकड़ों और नक्शों को समझने और व्यक्त करने की क्षमता की परख करना है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह परीक्षा अनिवार्य नहीं होगी और जो विद्यार्थी चाहेंगे, वही इसमें शामिल हो सकते हैं(दैनिक जागरँण,दिल्ली,10.9.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।