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10 सितंबर 2010

राजस्थानः11वीं में एडमिशन को लेकर असमंजस, सीबीएसई की गाइडलाइन जारी नहीं

सीसीई के तहत टेंथ बोर्ड के पेपर पेन एग्जाम (समेटिव वन) सितम्बर मध्य में आयोजित किए जाएंगे। इस बार स्टूडेंट्स के लिए सीसीई के साथ-साथ ऑप्शनल बोर्ड भी एक नया कॉन्सेप्ट है, लेकिन इलेवंथ क्लास में एडमिशन क्राइटेरिया को लेकर अभी तक कंफ्यूजन की स्थिति है।

सीबीएसई में टेंथ में पहली बार बोर्ड ऑप्शनल है। सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों की अक्टूबर मध्य तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि कितने स्टूडेंट बोर्ड देंगे और कितने होम एग्जाम प्रिफर करेंगे। जो स्टूडेंट बोर्ड देंगे उनका भी फॉर्मेटिव असेस्मेंट होगा और उनको एस-2 भी क्लीयर करना होगा। हालांकि उन्हें ग्रेड सिर्फ समेटिव -२ के आधार पर मिलेगी, जो कि 80 नम्बर का होगा। वहीं होम एग्जाम देने वाले स्टूडेंट को ग्रेड चारों फॉर्मेटिव असेस्मेंट और एस-1 और एस-2 के आधार पर मिलेगी।

इस स्थिति में जाहिर है कि बोर्ड एग्जाम देने वाले स्टूडेंट की ग्रेड होम एग्जाम देने वाले की तुलना में कुछ कम होगी। ऐसे में स्कूल इलेवंथ क्लास में किस आधार पर एडमिशन देंगे? जब सिटी भास्कर ने स्कूलों से एडमिशन की बात की तो कुछ असमंजस की स्थिति ही सामने आई। जहां कुछ स्कूल्स को सीबीएसई की ओर से जारी नई गाइडलाइंस का इंतजार है, वहीं कुछ अपने पुराने पैटर्न को ही लागू करने की बात कह रहे हैं।


कौन देना चाहता है बोर्ड?
वे स्टूडेंट जिनके गार्जियन की ट्रांसफरेबल जॉब है या फिर वे जो टेंथ तक के ही स्कूल में पढ़ते हैं, बोर्ड ही देंगे। बाकी स्टूडेंट और खासतौर पर अभिभावक ऑप्शनल बोर्ड को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति में हैं। बिजनेसमैन सुमेरसिंह कहते हैं, मेरी बेटी चाहती है कि वो टेंथ होम एग्जाम दे, क्योंकि आगे कुछ कॉम्पिटीशन में टेंथ के मार्क्‍स भी शामिल किए जाएंगे। रही बात ट्वैल्थ बोर्ड की तो उसकी तैयारी तो कॉम्पिटीशन एग्जाम देने के साथ-साथ ही हो जाती है।

लेकिन बोर्ड एग्जाम देने की बात अलग ही होती है। यह स्थिति कमोबेश हर पेरेंट्स की है। उनका कहना है कि अच्छे मार्क्‍स के लिए टेंथ होम एग्जाम दिलवा दिया और कहीं ऐसा न हो कि बाद में बोर्ड देने वाले स्टूडेंट को तरजीह मिल जाए। सुबोध स्कूल की प्रिंसीपल बेला जोशी कहती हैं, सीबीएसई मानता है कि बोर्ड वो ही स्टूडेंट देगा जिसे या तो इलेवंथ में बोर्ड चेंज करना है या फिर जो लैबोरियस, क्यूरियस और स्टूडियस हो।


किसको क्या फायदा?
01. होम एग्जाम में जहां रिजल्ट मार्च में ही डिक्लेयर हो जाएगा, वहीं बोर्ड देने वालों का रिजल्ट मई में आएगा।02. फॉर्मेटिव वर्क जैसे प्रोजेक्ट, क्विज कल्चरल एक्टिविटीज भी ग्रेडिंग में शामिल होंगी। बोर्ड देने वालों को फॉर्मेटिव तो देना होगा, लेकिन ये उनके मार्क्‍स में नहीं जुड़ेगा। 03. होम एग्जाम की कॉपीज स्कूल में टीचर ही इवैल्यूएट करेंगे, जबकि बोर्ड देने वालों की कॉपीज बाहर जांची जाएंगी। 04. एस-२ अस्सी नम्बर का होगा। होम एग्जाम देने वालों के लिए 40 परसेंट के अकॉर्डिग मार्क्‍स दिए जाएंगे, जबकि बोर्ड देने वाले कैंडीडेट्स को नम्बर देने का आधार वे 80 नम्बर ही होंगे।


किसको क्या फायदा?

01. होम एग्जाम में जहां रिजल्ट मार्च में ही डिक्लेयर हो जाएगा, वहीं बोर्ड देने वालों का रिजल्ट मई में आएगा।

02. फॉर्मेटिव वर्क जैसे प्रोजेक्ट, क्विज कल्चरल एक्टिविटीज भी ग्रेडिंग में शामिल होंगी। बोर्ड देने वालों को फॉर्मेटिव तो देना होगा, लेकिन ये उनके मार्क्‍स में नहीं जुड़ेगा।

03. होम एग्जाम की कॉपीज स्कूल में टीचर ही इवैल्यूएट करेंगे, जबकि बोर्ड देने वालों की कॉपीज बाहर जांची जाएंगी।

04. एस-२ अस्सी नम्बर का होगा। होम एग्जाम देने वालों के लिए ४क् परसेंट के अकॉर्डिग मार्क्‍स दिए जाएंगे, जबकि बोर्ड देने वाले कैंडीडेट्स को नम्बर देने का आधार वे ८क् नम्बर ही होंगे।


टेंथ क्लास में इस बार सीसीई लागू किया गया है। इसके तहत अब प्रैक्टिकल के भी मार्क्‍स दिए जाएंगे। प्रैक्टिकल वर्क फॉर्मेटिव असेस्मेंट हैं। पूरे साल चार फॉर्मेटिव असेस्मेंट किए जाएंगे और दो पेन पेपर वर्क समेटिव ऑर्गेनाइज होंगे। जो स्टूडेंट बोर्ड देना चाहते हैं उन्हें चारों फॉर्मेटिव और समेटिव-१ देना अनिवार्य है। हालांकि उनकी एस-२ में होने वाली ग्रेडिंग में यह मार्क्‍स जोड़े नहीं जाएंगे।


प्रिंसिपल ने कहा..

सीसीई एक नया सिस्टम है। फिलहाल एडमिशन क्राइटेरिया के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। बोर्ड का जैसा भी इंस्ट्रक्शन होगा उसे फॉलो करेंगे-पी.डी. सिंह, डायरेक्टर टैगोर ग्रुप ऑफ स्कूल्स


फरवरी में एस-२ होगा, तब तक बोर्ड वाले स्टूडेंट्स और होम एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स को एक ही पैटर्न पर चलना है। इलेवंथ क्लास के लिए बोर्ड ने अब तक जो इंस्ट्रक्शन दे रखे हैं वही अभी तक एडमिशन का क्राइटेरिया है। बोर्ड ने स्कूल्स को छूट दे रखी है कि वो चाहें तो अपना कोई टेस्ट ऑर्गेनाइज कर सकते हैं या फिर ग्रेडिंग का क्राइटेरिया रख सकते हैं-माला अग्निहोत्री वाइस प्रिंसीपल आईआईएस


इलेवंथ के एडमिशन के लिए हम लोगों की पॉलिसी अभी डिसाइड नहीं हुई है। हो सकता है दिसम्बर तक सीबीएसई की ओर से कोई निर्देश आ जाएं-रेखा शर्मा, एमजीपीएस


चाहे बोर्ड देने वाला स्टूडेंट हो या होम एग्जाम, 7 से 9 ग्रेड लाने वालों को साइंस दी जाएगी और कॉमर्स का क्राइटेरिया 6 रहेगा। रही बात ह्यूमैनिटीज की उसके बारे में पॉलिसी डिसाइड करना अभी बाकी है-रमा दत्त, संस्कार स्कूल(यासमीन सिद्दीकी,दैनिक भास्कर,जयपुर,10.9.2010)

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