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10 सितंबर 2010

रैगिंग रोकने पर गंभीर हों कॉलेजःजीबीटीयू

रैगिंग की घटनाओं को रोकने के लिए गौतम बुद्ध प्राविधिक विश्वविद्यालय (जीबीटीयू) प्रशासन ने इंजीनियरिंग संस्थानों को गंभीर होने का निर्देश दिया है। हर संस्थान में एक रैगिंग की घटनाओं को रोकने के लिए समिति बनायी जाएगी। छात्रों के बीच सामन्जस्य बढ़ाने और दूरियां घटाने के उद्देश्य से इन समितियों में वरिष्ठ छात्रों को भी शामिल किया जाएगा। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि कोई भी छात्र या छात्रा रैगिंग के कानून का दुरुपयोग करके किसी दूसरे छात्र का भविष्य न खराब कर दे। गुरुवार को जीबीटीयू में रैगिंग रोकने को लेकर कुलपति प्रो.कृपाशंकर की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें प्रदेश के कई इंजीनियरिंग संस्थानों के संचालक शामिल हुए। कुलपति ने बताया कि कॉलेजों से राय ली गई कि रैगिंग न हो इसके लिए क्या उपाय किये जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर के शासनादेशों से अवगत कराया गया। साथ ही जीबीटीयू की ओर से शुरू की गई हेल्पलाइन की जानकारी दी गई। उन्होंने कॉलेज स्तर पर समिति और हेल्पलाइन बनाने का निर्देश दिया है। इन समितियों में वरिष्ठ छात्रों को भी शामिल किया जाएगा ताकि वरिष्ठ और कनिष्ठ छात्रों के बीच दूरी न रहे। सभी कॉलेजों को समिति और हेल्पलाइन का ब्योरा का वेबसाइट पर उपलब्ध कराना होगा। कुलपति भी समय-समय पर इसकी जांच करेंगे। छात्र-छात्राओं को जागरूक किया जाए। पीडि़त छात्र के एक बयान मात्र से दूसरे छात्र का भविष्य खराब हो सकता है। कॉलेजों को निर्देश दिया है कि कक्षाओं, छात्रावास और कॉलेज के पब्लिक प्लेस पर विशेष ध्यान रखें। सभी संस्थानों को निर्देश दिये गए हैं कि सबसे ज्यादा इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि रैगिंग कानून का दुरुपयोग न किया जाए। उधर, कॉलेज संचालकों में रैगिंग के सख्त कानून की बाबत भय साफ दिखाई दिया। कॉलेज प्रशासकों को डर है कि कहीं किसी फर्जी मामले में ही कार्रवाई न हो जाए। हालांकि कुलपति ने आश्वासन दिया है कि मामले की पूरी पड़ताल के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,10.9.2010)।

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