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11 सितंबर 2010

आईपीयू:आंतरिक परीक्षाएं 13 से और दाखिले अब भी जारी

छात्रों को प्रोफेशनल कोर्सो के जरिये बाजार की मांग के अनुरूप तैयार करने वाला गुरु गोविंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) किस हद तक लापरवाही बरत रहा है इसका जीता जागता उदाहरण यहां अंजाम दी जाने वाली दाखिला प्रक्रिया से लगाया जा सकता है।


विश्वविद्यालय में कभी सीटों की स्थिति साफ न होने और कभी ओबीसी आरक्षण के चलते दाखिला प्रक्रिया इतनी पिछड़ गई है कि पहले सेमेस्टर के लिए होने वाली दो अहम आंतरिक परीक्षाओं में से एक शुरू होने वाली है और नए छात्रों का कक्षाओं में पहुंचने का सिलासिला अभी भी जारी है। यानी अब तक हुई एक माह की पढ़ाई छूटने के साथ कैम्पस पहुंच रहे नए छात्रों को आंतरिक परीक्षाओं के माध्यम से मिलने वाले अंकों चिंता सताने लगी है।


विश्वविद्यालय की ओर से निर्धारित प्रक्रिया के तहत हर सेमेस्टर में मिलने वाले कुल अंकों का 25 फीसदी संस्थान के स्तर पर होने वाली दो आंतरिक परीक्षाओं व आंतरिक मूल्यांकन के होते हैं। इनमें पांच फीसदी आंतरिक मूल्यांकन के अंक होते हैं जो छात्रों की कक्षाओं में मौजूदगी और तमाम प्रोजेक्ट वर्क व उनके व्यवहार के आधार पर दिए जाते हैं।


जबकि आंतरिक परीक्षाओं से 10-10 फीसदी अंकों का निर्धारण होता है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि जो छात्र अभी तक दाखिला नहीं ले सके हैं, आखिरी उनका क्या होगा। पहले सेमेस्टर के लिए आंतरिक परीक्षाएं 13 सितम्बर से शुरू हो रही हैं और 17 सितम्बर तक चलेंगी।


छात्रों की बात करें तो उनका कहना है कि अभी तो उनकी पहली प्राथमिकता किसी भी तरह से दाखिला पाना है, बाद में पढ़ाई के बारे में सोचा जाएगा। इस बाबत जब विश्वविद्यालय के ज्वाइंट रजिस्ट्रार अकेडमिक कर्नल प्रदीप उपमन्यु से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दाखिला प्रक्रिया में देरी की अहम वजह विभिन्न कारणों से समय रहते विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध सीटों की सही स्थिति का साफ न हो पाना रहा है।


उन्होंने बताया कि महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी व अमेटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए आल इंडिया काउंसिल फोर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) की मंजूरी नहीं मिलने के चलते 26 जुलाई से शुरू हुई बीटेक की काउंसलिंग में ये संस्थान पिछड़ गए थे।


उन्होंने बताया कि ओबीसी आरक्षण को लेकर भी बीते साल की तरह इस बार स्थिति देरी से साफ हुई। इसके चलते शुरुआत में पहली काउंसलिंग में देरी हुई और फिर दूसरी काउंसलिंग भी लटकी है। प्रदीप उपमन्यु ने बताया कि अब दूसरी काउंसलिंग अपने अंतिम दौर में है और उम्मीद है कि आगामी 15 सितम्बर तक यह प्रक्रिया सम्पन्न हो जाएगी।


राहत के लिए विश्वविद्यालय का फार्मूला:पढ़ाई और परीक्षा से चूकने वाले छात्रों की मदद के लिए अब विश्वविद्यालय ने न सिर्फ एक्सट्रा क्लासेस का इंतजाम करने की तैयारी शुरू कर दी है। पहले सेमेस्टर में होने वाली पहली आंतरिक परीक्षाओं को दूसरी परीक्षाओं के बाद आयोजित करने पर भी सहमति तैयार की जा रही है।


हालांकि विश्वविद्यालय अधिकारियों की तमाम कोशिशों के बीच अगामी अक्तूबर माह में राष्ट्रमंडल खेलों के चलते होने वाली छुट्टी नई परेशानी का कारण बनी हुई है। इसके चलते इस बार पहले सेमेस्टर की प्रमुख परीक्षाएं पांच दिसम्बर के बजाए 20 दिसम्बर को होने की उम्मीद है। यानी यहां भी करीब एक पखवाड़े की देरी होने जा रही है(दैनिक भास्कर,दिल्ली,१0.९.२०१०)।

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