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13 सितंबर 2010

मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में 17 ‘मुन्ना भाई’

मध्यप्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एक दर्जन से ज्यादा संदिग्ध विद्यार्थी (मुन्ना भाई) पढ़ रहे हैं। इनकी पहचान चिकित्सा शिक्षा विभाग और व्यावसायिक मंडल (व्यापमं) के अफसरों ने की है। संचालक चिकित्सा शिक्षा ने 17 संदिग्ध विद्यार्थियों को शैक्षणिक दस्तावेजों और फोटो के साथ 16 सितंबर को गांधी मेडिकल कॉलेज बुलाया है।

इन विद्यार्थियों ने मेडिकल कॉलेज और व्यापमं कार्यालय में अलग-अलग फोटो जमा किए हैं। संयुक्त संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एनएम श्रीवास्तव ने बताया कि निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले 17 विद्यार्थियों के फोटो व्यापमं की मार्कशीट पर चस्पा फोटो से मेल नहीं खा रही है।

इन विद्यार्थियों से काउंसिलिंग के दौरान दो पैराग्राफ का लेखन कराया गया है, साथ ही प्रत्येक विद्यार्थी से दो-दो अतिरिक्त फोटो लिए गए हैं। जिनका मिलान व्यापमं के फार्म पर चस्पा फोटो से किया जाएगा। इसकी जांच गृह विभाग के फोटो और राइटिंग एक्सपर्ट करेंगे।

इस तरह आए पकड़ में

सागर मेडिकल कॉलेज में पिछले साल अवैध तरीके से एडमीशन लेने की घटना से सबक लेकर इस साल काउंसिलिंग के बाद सभी प्रवेशित विद्यार्थियों के एडमीशन की जांच कराई गई है। जांच में विद्यार्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों, उनके फोटो आदि का मिलान किया गया।


जांच के बाद निरस्त होगा एडमिशन : पीएमटी फार्म और एडमीशन फार्म पर अलग-अलग फोटो चिपकाने वाले विद्यार्थियों के एडमिशन चिकित्सा शिक्षा विभाग जांच के बाद निरस्त करेगा। संचालक चिकित्सा शिक्षा के मुताबिक चिह्न्ति विद्यार्थियों को 16 सितंबर को गांधी मेडिकल कॉलेज में उपस्थित होने का नोटिस दिया है। यहां जो विद्यार्थी अनुपस्थित रहेंगे, उनके प्रवेश निरस्त कर उनके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा(दैनिक भास्कर,भोपाल,13.9.2010)।

1 टिप्पणी:

  1. दिलचस्प खबर है ... ऐसे मुन्ना भाइयों पर कार्यवाही की जाना चाहिए....

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