होटलों, ठेलों व सड़कों से कूड़ा बीनने वाले बच्चे अब हाथ में पेन-पेंसिल लिए पढ़ते दिखाई देंगे। मजबूरीवश बीच में पढ़ाई छोड़ चुके बाल श्रमिकों को शिक्षित करने की बेसिक शिक्षा विभाग ने अनूठी पहल की है। बच्चों को पढ़ाने के लिए पूरे जनपद में 189 स्टडी सेंटर खोले जाएंगे। इन स्टडी सेंटर्स पर 2530 बच्चों को पढ़ाया जाएगा। एक सेंटर पर कितना होगा खर्च
बच्चों को पढ़ाने के लिए विभाग की ओर से अलग से शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी। जिन्हें दो हजार रुपए माह का मानदेय दिया जाएगा। सभी स्टडी सेंटर की अवधि तीन माह होगी। परिषदीय स्कूलों की छुट्टी होने के बाद इन बच्चों को स्कूलों में पढ़ाया जाएगा। बच्चों को पढ़ाए जाने के साथ उन्हें विभाग की ओर से पेन, पेंसिल, कॉपी दी जाएगी। अगर विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो बच्चों को स्कूल बैग भी दिया जाएगा।
सभी 189 स्टडी सेंटर खोलने से पहले शिक्षा विभाग ने सर्वे के जरिए स्कूल छोड़ने वाले, ठेलों , होटलों, रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले 2530 बच्चे चिह्न्ति किए थे। अब इन बच्चों को पढ़ाकर उनके पैरों पर खड़ा करने की कवायद शुरू हो गई है। वैकल्पिक शिक्षा के जिला समन्वयक संजीव गुप्ता ने बताया कि संभवतया सभी स्टडी सेंटर अक्टूबर माह के पहले सप्ताह से चलने शुरू हो जाएंगे।
शिक्षा विभाग की ओर से तीन माह चलने वाले एक स्टडी सेंटर के लिए 13 हजार रुपए का फंड तय किया गया है। इसमें से दो हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से शिक्षकों को छह हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा। बाकी पैसे से बच्चों को पेन, पेंसिल, स्टेशनरी व अन्य सामान बांटा जाएगा(हिंदुस्तान,गाजियाबाद,2.9.2010)।
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02 सितंबर 2010
गाजियाबादःबेसिक शिक्षा विभाग खोलेगा 189 नए स्टडी सेंटर
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