राज्य कर्मचारियों के लिए एक और खुशखबरी की उम्मीद। नई पेंशन योजना के तहत 2005 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों को भी जीपीएफ कटौती का लाभ देने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार इस प्रस्ताव पर भी विचार कर रही है कि 1991 के बाद जिन कर्मचारियों को दैनिक वेतन पर रखा गया है उन्हें भी नियमित करते हुए छठे वेतनमान का लाभ दे दिया जाए। इस बात का आश्र्वासन मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता ने कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा के नेताओं को दिया है। मोर्चे के अध्यक्ष वीपी मिश्र के नेतृत्व में कर्मचारी नेताओं एसपी तिवारी, जेएन तिवारी, आरके निगम, सतीश पाण्डेय, अमरनाथ सिंह सहित 20 सदस्यों के शिष्ट मंडल ने सोमवार को मुख्यसचिव के साथ लम्बी बातचीत की। वार्ता के समय प्रमुख सचिव वित्त अनूप मिश्र, प्रमुख सचिव आवास, लोक निर्माण, विशेष सचिव कार्मिक, चिकित्सा, श्रम, प्राविधिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा भी मौजूद थे। कर्मचारी नेताओं ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि मुख्य सचिव ने उनकी बातों पर गौर से सुना और आश्र्वासन दिया कि उनकी सभी जायज मांगों को पूरा किया जायेगा। उन्होंने प्रमुख सचिव वित्त को निर्देश भी दिया कि डिप्लोमा फार्मासिस्ट व लिपिकीय संवर्ग के वेतनमान में उत्पन्न विसंगतियों को दूर करने का प्रस्ताव तैयार किया जाए, ताकि शासन उस पर यथाशीघ्र निर्णय कर सके। 2007 के बाद भर्ती लगभग एक लाख सफाई कर्मचारियों के अलावा पुलिस व शिक्षक के रूप में भर्ती पौने दो लाख कर्मचारी भी इससे आच्छादित हो जायेंगे। उन्होंने बताया कि 8, 16, 24 साल पर एसीपी प्रोन्नति के बारे में भी एक प्रस्ताव मुख्य सचिव के समक्ष रखा गया, जिस पर फिलहाल कोई आश्र्वासन नहीं मिला। इस लड़ाई को कर्मचारियों ने जारी रखने का निश्चय किया है(दैनिक जागरण,लखनऊ,9.9.2010)।
i dont think it will happen.After introduction of New Pension Scheme(NPS) , the individual jioned the service after 1 January 2004, will be governed in NPS and there will be no GPF system thereon.
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