उत्तरप्रदेश सरकार ने स्टेट मेडिकल काउंसिल और स्टेट मेडिकल फैकल्टी की शासी निकाय का नए सिरे से गठन किया है। इनमें राज्य के चिकित्सा विश्वविद्यालय व मेडिकल कालेजों के डाक्टरों को तीन वर्ष के लिए नामित किया गया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत सूबे में स्टेट मेडिकल काउंसिल है। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण की अध्यक्षता वाली स्टेट मेडिकल काउंसिल में बतौर सदस्य प्रदेश सरकार ने पांच डाक्टरों को नामित किया है। इनमें इलाहाबाद राजकीय मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा. एसपी सिंह, लखनऊ के छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय में महिला रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डा. एसपी जैसवार, गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कालेज के एनेस्थीसिया विभाग के प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डा. दीपक मालवीय तथा प्रोफेसर डा. सुनील आर्या और लखनऊ के बाल महिला चिकित्सालय में चिकित्सा अधिकारी डा. चित्रा सुरेश हैं। इसी तरह सरकार ने उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी के नियमों के मुताबिक स्टेट मेडिकल फैकेल्टी की शासी निकाय में भी सरकार ने दो सदस्यों को नामित किया है। लखनऊ के छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय में यूरोलाजी विभाग के प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डा. एसएन शंखवार तथा आगरा के एसएन मेडिकल कालेज के एनाटामी विभाग के प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डा. धर्म सिंह को शासी निकाय में नामित किया है। मेडिकल काउंसिल व शासी निकाय में नामिक इन सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। विदित हो कि स्टेट मेडिकल काउंसिल ही डाक्टरों के पंजीकरण के साथ ही डाक्टरों की शिकायतें सुनती है। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के निर्देशों का अनुपालन भी इसी के माध्यम से होता है(दैनिक जागरण,लखनऊ,9.9.2010)।
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