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09 सितंबर 2010

डीटीयू की 21 फूल्स डॉट कॉम

काबिल बनो, कामयाबी झख मार कर आपके पास आएगी। फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ में आमिर खान का यह डॉयलाग डीटीयू के 21 छात्रों के दिमाग में कुछ इस कदर घर कर गए कि उन्होंने सफलता पाने का एक अनोखा फॉमरूला ही गढ़ डाला। जीने और कुछ बेहतर करने की ललसा में दौड़ रही युवा पीढ़ी को एक नई दिशा देने और कुछ बेहतर सोचने का मौका देने के लिए इन छात्रों ने 21 फूल्स डॉट काम नामक ऑनलाइन मैगजीन शुरू की है।

मैगजीन की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि देश-विदेश के 25 लेखक इससे जुड़े हैं और दो हजार नियमित पाठक अपना ज्ञानवर्धन कर रहे हैं। डीटीयू छात्रों की इस ऑनलाइन मैगजीन के महीने में दो पाक्षिक संस्करण 12 और 27 तारीख को जारी होते हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य तनाव भरे दौर में युवाओं को कुछ बेहतर और अनोखी अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना है ताकि वह न सिर्फ कुछ नया जाने बल्कि उसके जरिये जीवन में नई बुलंदियों को पा सके।

मैगजीन में न्यूजीलैंड, इजिप्ट, पेरिस और भारत के करीब 25 लेखकों की एक टीम काम कर रही है, जबकि डीटीयू छात्र-छात्राओं की टीम मैगजीन से जुड़े अन्य कार्यो को अंजाम दे रही है। 21 फूल्स डॉट कॉम के संयोजक सुरेंद्र चपलोत ने बताया कि इस ऑनलाइन मैगजीन का उद्देश्य युवाओं को लगातार नए संदेश देना है। हर संस्करण में युवा वर्ग के लिए कुल 15 आर्टिकल दिए जाते हैं।

कामयाबी के लिए काबिल बनने का फलसफा सिखाने वाली इस ऑनलाइन मैगजीन की थीम है- पढ़ते रहिए और मुस्कुराते रहिए। इसका एक उदाहरण अगस्त का पहला संस्करण है, जिसे गब्बर दिवस के रूप में मनाया गया क्योंकि 15 अगस्त को शोले के गब्बर सिंह को अवतरित हुए 35 साल पूरे हुए थे। सुरेन्द्र बताते हैं कि फिलहाल उनके दो हजार नियमित पाठक हैं, जबकि वेबसाइट पर रोजाना विजिटर की संख्या 15 हजार के आसपास रहती है।

मैगजीन में आशाएं, चाय बिस्किट, पंचायत, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी, और आम हस्ती जैसे विशेष कॉलम शामिल किए गए हैं। नए कॉलम के तौर पर जल्द ही चिरकुट की कहानी नाम का कॉलम शुरू होने जा रहा है, जो एक 13 -14 साल के बच्चे की सोच पर के न्द्रित है। सुरेन्द्र ने बताया कि वह इस समूचे प्रयास को अपने एक सहयोगी दिव्यांशु असोपा के सहयोग से अंजाम दे रहे हैं। 1500 ऐसे यूनिक विजीटर हैं, जो करीब पांच मिनट से ज्यादा रोजाना इस मैगजीन को पढ़ते हैं।

यह साईट देखने के लिए क्लिक करें- http://21fools.com/
(शैलेन्द्र सिंह,दैनिक भास्कर,दिल्ली,9.9.2010)

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