रांची शहर के युवाओं की हॉबी में भविष्य बाचने की कला एस्ट्रोलॉजी शामिल हो रही है। रांची यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोलॉजी पीजी डिपार्टमेंट की सभी 15 सीटें भर चुकी हैं। इस विषय में करियर की बड़ी संभावना है। आजकल इसे हाई प्रोफाइल जॉब भी माना जाने लगा है।
कभी सड़क पर तोते और हाथ देखने वालों की जमात समझी जाने वाली इस कला को अब यूजीसी ने कोर्स में शामिल कर लिया है। और साइंटिफिक तरीके से इसकी पढ़ाई हो रही है। शहर के युवा इस कोर्स में एडमिशन तो ले रहे हैं लेकिन कैरियर के तौैर पर अभी इसे नहीं देखा जा रहा है। आरयू में एस्ट्रोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर पंड़ित कौशल मिश्र कहते हैं कि स्टूडेंट अपनी नॉलेज बढ़ाने के लिए कोर्स में एडमिशन ले रहे हैं। शहर के एस्ट्रोलॉजर आर के तिवारी इसमें कैरियर की बड़ी संभावनाएं देखते हैं। वे कहते हैं कि एस्ट्रोलॉजी से ही न्यूमरोलॉजी निकला है और ये पूरी तरह से साइंटिफिक है।
एक सीरियस स्टूडेंट आगे चलकर एक बेहतरीन एस्ट्रोलॉजर हो सकता है। डिपार्टमेंट से पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री ले रही अनुपमा साहू कहती हैं एस्ट्रोलॉजी में दिलचस्पी रहने की वजह से कोर्स कर रही हूं। कैरियर तो मुझे बैंकिंग सेक्टर में बनानी है। लेकिन शहर की वास्तु और फैंगसुई एक्सपर्ट रेणु शर्मा का कहना है कि दिनोंदिन लोगों का विश्वास इस ओर बढ़ता जा रहा है। खास कर युवाओं के बीच फैंगसुई ज्यादा पॉपुलर है। कैरियर के तौर पर इसे अपनाया जा सकता है। 2004 में दिल्ली की संस्था एस्ट्रो फोर्स एकेडमी के एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 50 हजार करोड़ का सलाना व्यवसाय है ज्योतिष कला में। 2013 में फिर ये सर्वे किया जायेगा(दैनिक जागरण,रांची,9.9.2010)।
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