जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की परीक्षा में उडनदस्ते उलझना सेना के एक अधिकारी को भारी पड गया। इस मामले में विवि ने एनसीसी ग्रुप मुख्यालय के मुखिया एवं एमए मनोविज्ञान पूर्वार्द्ध के छात्र कर्नल देवआनंद सिंह लाहमरोड की इस वर्ष की परीक्षा निरस्त कर दी है। इसके समेत विवि ने नकल के अन्य मामलों की सुनवाई के बाद कुल 252 परीक्षार्थियों की इस वर्ष की परीक्षा निरस्त कर उन पर एक से तीन वर्ष तक के लिए परीक्षा में बैठने पर पाबंदी लगा दी।
विवि की गत मार्च से मई तक आयोजित परीक्षाओं में नकल के कुल 409 मामले पकडे गए थे। मनोविज्ञान पूर्वार्द्ध की एक परीक्षा के दौरान भाषा प्रकोष्ठ परीक्षा केन्द्र में नकल की रोकथाम को गठित उडनदस्ते ने उनको चैक किया। इसी परीक्षा केन्द्र पर कर्नल लाहमरोड का पुत्र भी परीक्षा दे रहा था। चैक करने पर कर्नल सिंह और उनका पुत्र उडन दस्ते के सदस्य शिक्षकों से उलझ गए। इस पर उडनदते ने कर्नल के खिलाफ नकल का मामला बनाया था।
नकल के मामलों की सुनवाई गत माह की गई। पांच अनफेयरमीन्स समितियों ने हर परीक्षार्थी को अपना जवाब प्रस्तुत करने का मौका दिया। सभी मामलों की सुनवाई के बाद विवि प्रशासन ने समितियों की सिफारिश पर सेना के अधिकारी सहित कुल 187 परीक्षार्थियों की वर्ष 2010 की परीक्षा निरस्त कर दी है।
ये सभी विद्यार्थी वर्ष 2011 की परीक्षा में बतौर स्वयंपाठी अथवा पूर्व छात्र के रूप में परीक्षा में बैठ सकेंगे। दो छात्रों की इस वर्ष की परीक्षा निरस्त कर तीन साल के लिए विवि की किसी भी परीक्षा में बैठने पर पाबंदी लगाई गई है। 63 परीक्षार्थियों पर दो वर्ष के लिए रोक लगाई गई है। नकल के आरोप साबित नहीं होने पर शेष 157 विद्यार्थियों को क्लीन चिट दे दी गई। इनका परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है(राजस्थान पत्रिका,जोधपुर,9.9.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।