गणित के माहिर प्रोफेसर कौमार्या मनोज हिमाचल के ग्रामीण व कस्बाई स्कूलों के मेधावी छात्रों के लिए आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफल होने के लिए सुनहरी मौका उपलब्ध करवा रहे हैं। उनकी संस्था नार्थ सुपर-30 छात्रों को यह मौका प्रदान कर रही है। इस अभियान का लाभ उन छात्रों को होगा, जो संसाधनों की कमी के कारण आईआईटी जैसी प्रवेश परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाते। दरअसल इस प्रवेश परीक्षा के लिए प्रशिक्षण देने वाली अकादमियां भारी-भरकम फीस वसूलती हैं। इस कारण साधनहीन परिवारों के छात्र बिना प्रशिक्षण के उक्त परीक्षा में भाग लेने से कतराते हैं। इसी बात को केंद्र में रखते हुए कौमार्या मनोज की संस्था सुपर-30अभियान के तहत हिमाचल के सौ स्कूलों में प्रशिक्षण शिविर लगाकर पहले चरण में साठ बच्चों का चयन करेगी। इसमें से अंतत: तीस बच्चों का चयन किया जाएगा और उन्हें राजकीय महाविद्यालय अर्की में डेढ़ साल तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण पूरी तरह से निशुल्क होगा और इस अवधि में छात्रों के रहन-सहन का खर्च भी कुछ समानधर्मा लोग उठाएंगे। गणितज्ञ कौमार्या मनोज ने बताया कि इस बारे में उन्होंने हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग से भी चर्चा की थी। इस पर शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को 17 सितंबर को पत्र जारी कर स्कूलों में प्रेरणा व जागरूकता शिविर लगाने में सहयोग करने का निर्देश दिया है। मनोज ने बताया कि वे नवंबर माह से स्कूलों में टेस्ट राउंड शुरू करेंगे। सभी स्कूलों में प्रशिक्षण शिविर के बाद चुने गए साठ छात्रों को दिसंबर में परखा जाएगा। उनमें से तीस छात्रों का चयन सुपर-30 के तहत होगा। चुने गए छात्रों को अर्की महाविद्यालय में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन्हें आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाएंगी। मनोज का मानना है कि हिमाचल प्रदेश के छात्र मेधावी व मेहनती हैं। इन्हें केवल सही दिशा देने की जरूरत है। इसके लिए प्रशिक्षण निहायत आवश्यक है। छात्रों का आत्मविश्वास जगा कर उन्हें इस प्रवेश परीक्षा के लिए मानसिक रूप से तैयार करना ही सुपर-30 का मकसद है। उन्होंने कहा कि अभियान में श्रीराम समूह की शिक्षण इकाई व विद्या मंदिर क्लासेज दिल्ली का भी सहयोग रहेगा(दैनिक जागरण,शिमला,18.9.2010)।
अच्छी सूचना है
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