हिमाचल प्रदेश में चयनित वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में जल्द ही ही एलसीडी टीवी व एलसीडी प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ाई होगी। इन स्कूलों में अध्ययनरत छात्र अब पहले से भी अधिक स्मार्ट होकर निकलेंगे। प्रत्येक स्कूल में अलग से दो कमरे तैयार किए जाएंगे। इन्हें स्मार्ट क्लासरूम का नाम दिया जाएगा। इस बारे में आईसीटी (इन्फार्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्निक) परियोजना के तहत आमंत्रित की गई वैश्विक निविदाओं की तकनीकी इवेल्यूएशन हो चुकी है। कंटेंट इवेल्यूएशन 22 सितंबर से होगी। यह शुक्रवार 24 सितंबर को पूरी होगी। इसके बाद टेंडर अवार्ड हो जाएंगे। इस परियोजना के लिए इस समय तीन विदेशी कंपनियां दौड़ में हैं।
स्मार्ट क्लासरूम में पढ़ाई का तरीका :
तेजी से बदलते समय में सूचना तकनीक से छात्रों को परिचित करवाने के लिए आईसीटी परियोजना शुरू की गई है। इसके तहत स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएंगे। क्लासरूम में एलसीडी यानी लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले प्रोजेक्टर व टीवी स्थापित किए जाएंगे। इसका लाभ ये होगा कि छात्र जो सुन सकेंगे उसे देख भी पाएंगे। इससे पढ़ाया जा रहा विषय छात्रों को अधिक बेहतर तरीके से स्पष्ट हो सकेगा। परियोजना दो चरणों में लागू होगी। दूसरे चरण में 1100 स्कूलों में इसे लागू किया जाएगा। जिस भी कंपनी को टेंडर अवार्ड होगा, वो इस परियोजना को हिमाचल में मार्च 2013 तक चलाएगी। आईसीटी परियोजना के तहत अध्यापकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। छात्र मल्टी मीडिया व इंटरनेट की जानकारी भी हासिल कर सकेंगे।
नब्बे फीसदी खर्च केंद्र सरकार करेगी :
आईसीटी परियोजना के तहत इस योजना पर नब्बे फीसदी खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। इसके अलावा दस फीसदी हिस्सा राज्य सरकार को उठाना होगा। परियोजना को आउटसोर्स किया गया है। मौजूदा समय में हिमाचल के अलावा पंजाब, हरियाणा, गुजरात व आंध्र प्रदेश में इस योजना के उल्लेखनीय परिणाम सामने आए हैं। एलसीडी प्रोजेक्टर्स के माध्यम से पढ़ाई करने वाले च्च्चे सामान्य तरीके से पढ़ने वाले छात्रों से अधिक होशियार पाए गए हैं। उनके आत्मविश्वास में भी बदलाव देखने को मिला है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसके अच्छे परिणाम पाए जा रहे हैं(दैनिक जागरण,शिमला,18.9.2010)।
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