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04 सितंबर 2010

डीयू में हुआ 35 फीसदी मतदान

खाली हॉस्टल, कठोर आचार संहिता और लम्बी छुट्टी के चलते डूसू चुनाव में मतदान प्रतिशत गिरने का डर तो छात्र संगठनों को पहले से ही सता रहा था, लेकिन आज दोपहर बाद हुई बरसात ने रही सही कसर भी पूरी कर दी।

छात्रों को मतदान केन्द्र तक खीचने की जुगत में जुटे संगठनों की लाख कोशिशों के बावजूद दो चरणों में हुए मतदान का प्रतिशत 35 फीसदी तक ही पहुंच सका। यानी, बीते साल के 42 फीसदी के मुकाबले सात फीसदी कम। जबकि, बीते चार वर्षो की तुलना की जाए तो कुलपति से लेकर छात्र संगठनों की अपील के बावजूद मतदान प्रतिशत में 10 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिल रही है।

कैम्पस कॉलेजों में मतदान प्रक्रिया में काफी हद तक रवानगी दिखी और सबसे ज्यादा चहल-पहल लॉ फैकल्टी में रही। इसके अलावा, कैम्पस कॉलेजों में किरोड़ीमल व खालसा कॉलेज में भी पहले एक घंटे के बाद छात्र-छात्राओं ने मतदान के लिए पहुंचना शुरू कर दिया।

डूसू के पूर्व उपाध्यक्ष व एबीवीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विकास दहिया ने बताया कि प्रशासन की ओर से बरती गई सख्ती के कारण मतदान प्रतिशत गिरा है। उनका कहना है कि हॉस्टल कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए खाली करा लिए गए हैं और डूटा के विरोध के चलते कॉलेजों में पढ़ाई ठप्प होने से बाहरी राज्यों के छात्र 6 सितम्बर तक की लम्बी छुट्टी देखते हुए अपने घर चले गए हैं। उस पर प्रचार में बरती गई सख्ती के चलते भी वोटिंग प्रतिशत गिरा है।

दहिया की नजर में कम प्रतिशत का आखिरी कारण रहा राजधानी में दोपहर बाद हुई भारी बरसात। प्रशासन की मानें तो वह भी इस बात से सहमत नजर आ रहा है कि इस बार छात्रों ने मतदान में रुचि नहीं दिखाई है और बीते साल के मुकाबले कुछ कम वोट पड़े।

मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. गुरमीत सिंह ने बताया कि समूचा मतदान शांतिपूर्ण रहा और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। मतदान का प्रतिशत करीब 35 फीसदी रहा और डूसू से अलग विभिन्न कॉलेजों के छात्रसंघ चुनावों के परिणाम शुक्रवार को मतदान के चंद घंटों बाद ही घोषित कर दिए गए। इन चुनावों में कहीं भगवा लहराया तो कहीं एनएसयूआई की जीत हुई।

चीफ रिटर्निग ऑफिसर प्रो. जेएम खुराना ने बताया कि मतों की गणना शनिवार को डीन छात्र कल्याण कार्यालय में होगी। पहले यह न्यू पुलिस लाइन कम्युनिटी सेंटर में होती थी। इस बार यह जगह कॉमनवेल्थ गेम्स के तहत सुरक्षाकर्मियों को उपलब्ध कराने के चलते नहीं मिल सकी है।

प्रो. खुराना ने बताया कि सुबह नौ बजे शुरू होने वाली मतों की गणना के तहत दोपहर तक जीते उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी। डीयू प्रशासन द्वारा बनाए गए विभिन्न 51 केन्द्रों पर प्रात: 8.30 बजे शुरू हुए मतदान का पहला शुरुआती घंटा बेहद ठंडा रहा और करीब 11 बजे के बाद छात्र मतदान में रुचि दिखाते नजर आएं।

वहीं, दूसरे चरण में सांध्य कॉलेजों में हुई दोपहर 3 बजे से 7 बजे की वोटिंग पर बरसात का असर साफ नजर आया। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार इस बार मतदान का प्रतिशत करीब 35 फीसदी रहा जो बीते साल के मुकाबले सात फीसदी कम है। वर्ष 2009 में 42 फीसदी मतदान हुआ था।

प्रो. खुराना ने बताया कि शनिवार 4 सितम्बर को मतगणना केन्द्र की समूची प्रक्रिया को उम्मीदवारों व उनके समर्थकों को दिखाने के लिए खास एलसीडी स्क्रीन का इंतजाम किया जाएगा और केन्द्र के अंदर केवल उम्मीदवार या उसके एक एजेंट को ही जाने की अनुमति होगी।

वोटिंग प्रतिशत
वर्ष प्रतिशत
2010 35
2009 4२
2008 40
2007 42
2006 45


विभिन्न कॉलेजों के आंतरिक चुनाव के नतीजे घोषित.डूसू चुनाव के साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों के आंतरिक चुनाव भी शुक्रवार को सम्पन्न हो गए। देर शाम इन चुनावों के नतीजे भी घोषित हो गए। इनमें कैम्पस लॉ सेंटर में अध्यक्ष पद पर प्रशांत सिंह ने आठ वोटों के साथ जीत दर्ज की। हालांकि, मतदान के दौरान फर्जी तरीके से कैम्पस में दाखिल हो रहे छात्रों को लेकर जमकर हंगामा हुआ।


इसी तरह, कॉलेजों की बात करें तो एबीवीपी ने इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, विवेकानंद महिला कॉलेज, भगिनी निवेदिता, मोतीलाल नेहरू व रामलाल आनंद प्रात: कॉलेज में जीत दर्ज की है। वहीं, एनएसयूआई ने श्रद्धानंद कॉलेज, शिवाजी कॉलेज, श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में विजय हासिल की।


अफवाहों का बाजार भी रहा खूब गर्म : चुनाव के लिए मतदान के दौरान अफवाहों का बाजार भी खूब गर्म रहा। पहले चरण का मतदान खत्म होते-होते श्रद्धानंद कॉलेज से खबर आई कि कॉलेज चुनाव में दो गुट भिड़ गए हैं और इस दौरान गोली चलने से तीन लोग घायल हुए हैं।, लेकिन जब स्थानीय पुलिस से पड़ताल की गई तो उसने ऐसी किसी भी घटना से इनकार कर दिया। जबकि, कहा जा रहा है कि चुनाव रद्द हो जाने के डर से ही छात्रों ने आम सहमति से मामले को रफा-दफा कर दिया।


कुछ ऐसी ही खबर कैम्पस लॉ सेंटर में मतदान के दौरान भी आई यहां फर्जी आईकॉर्ड व एक आईकार्ड से कई लोगों के वोट डाले जाने की सूचना पर छात्रों ने जमकर हंगामा किया और चुनाव प्रक्रिया को अंजाम दे रहे पदाधिकारियों पर भेदभाव का आरोप लगाया। हालांकि, बाद में फर्जी आई कॉर्ड की सूचना का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला(दैनिक भास्कर,दिल्ली,4.9.2010)।
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वोटरों से ज्यादा समर्थकों की भीड़
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) में चुनाव का रंग इस बार भी फीका रहा। ५१ सेंटरों पर आठ घंटे में मुश्किल से ३५ फीसदी वोट प़ड़े। यह पिछले साल ४२ फीसदी से सात फीसदी कम है। मतों की गिनती शनिवार को होगी।

विश्वविद्यालय में व्यापक सुरक्षा इंतजाम के बीच सुबह ८.३० बजे से मतदान शुरू हुआ। कैंपस के कॉलेजों में एसआरसीसी, रामजस, हिन्दू, हंसराज, केएमसी और मिरांडा के छात्रावास खाली होने के कारण रौनक काफी कम दिखी। छात्र भी मतदान करने देर से पहुंचे। चार घंटे तक चले मतदान में कैंपस के कॉलेजों में मुश्किल से २० से २५ फीसदी के बीच वोट प़ड़े। हालांकि यहां कैंपस लॉ सेंटर के बाहर सबसे ज्यादा भी़ड़ दिखी। यहीं हाल साउथ कैंपस का भी था।

यहां मुख्य विभाग में ६५५ में से सिर्फ ४७ छात्रों ने मतदान किया। मोतीलाल नेहरू कॉलेज में ३० फीसदी और सांध्यकालीन पाली में करीब ४० फीसदी मतदान हुआ। मुख्य कैंपस के विभिन्न कॉलेजों में वोट देने वाले छात्रों की संख्या कम नजर आई पर बाहर समर्थकों की जमात ब़ड़ी थी। समर्थक ही पर्ची बांटने और नारे लगाने के काम में जोश के साथ लगे थे।

कैंपस से बाहर शिवाजी, राजधानी, अदिति, श्रद्धानंद, श्यामलाल, विवेकानंद, अरविन्दो, पीजीडीएवी, मोतीलाल, रामलाल, दयाल सिंह, श्रद्धानंद और देशबंधु जैसे कॉलेजों में मतदान का प्रतिशत ४० फीसदी तक रहा। सांध्यकालीन कॉलेजों में मतदान का मजा बारिश ने किरकिरा कर दिया। बारिश के कारण जाकिर हुसैन, भगत सिंह, मोतीलाल, दयाल सिंह और आरएलए जैसे कॉलेजों में उम्मीद से काफी कम छात्र वोट देने पहुंचे। रिटर्निंग अधिकारी प्रो जेएम खुराना ने बताया कि सुबह और शाम मिलाकर करीब ३५ फीसदी मतदान हुआ है। मुख्य अधिकारी प्रो गुरमीत सिंह ने बताया कि ५१ सेंटरों पर शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हो गया है। विवेकानंद, एसआरसीसी और श्यामलाल कॉलेज में एक एक ईवीएम मशीन खराब होने की शिकायत मिली पर उसे जल्द ही ठीक कर लिया गया है।

मतदान से पहले विभिन्न संगठनों में भी प्रचार, पर्ची और एसएमएस करने की हो़ड़ लगी रही। एबीवीपी ने एसएमएस के जरिए देरशाम तक धुंआधार प्रचार किया। उतरी परिसर में मॉरिस नगर थाने से लेकर विभिन्न कॉलेजों के गेट तक पर्ची बांटने वाले छात्र जगह जगह नजर आए॥ इन कार्यकर्ताआ का हौसला अफजाई करने के लिए भाजपा और कांग्रेस के गल्ली से मोहल्ले से लेकर राज्य स्तर तक के छोटे ब़ड़े नेता भी पहुंचे।

"दंड के रूप में मिलेगी शिक्षा"

डूसू चुनाव में आचार संहिता और नियमों की धज्जियां उ़ड़ाने वालों को दंड के रूप में शिक्षा दी जाएगी। उन्हें चुनाव में भाग लेने का सही सलीका सिखाया जाएगा। डूसू के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो गुरमीत सिंह ने बताया कि चुनाव के दौरान विभिन्न संगठनों ने पाईरटेड पर्ची और पम्फलेट बांटने की शिकायत की है। लेकिन यह शिकायत पिछले साल के मुकाबले काफी कम है। इन शिकायतों की जांच की जा रही है। अभी तक कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि जिन प्रत्याशियों के खिलाफ शिकायत आई है उनके खिलाफ कदम उठाए जाएंगे। कार्रवाई के रूप में उन्हें चुनाव के तौर तरीके के बारे में बताया जाएगा। उन्हें शिक्षित किया जाएगा कि चुनाव कैसे ल़ड़ा जाता है। छात्रसंघ में शिकायतों पर कार्रवाई का स्वरूप दंडात्मक नहीं बल्कि शिक्षात्मक होगा(नई दुनिया,दिल्ली,4.9.2010)।

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