एमसीआई ने 2030 तक डॉक्टरों की क मी को दूर क रने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर उसे मंजूरी के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा है । योजना के पहले चरण में मेडिकल कॉलेजों को सीटों की अधिकतम संख्या 250 क रने की अनुमति दी गई है । अभी मेडिक ल कॉलेज अधिकतम सीमा 150 सीटों की है । लेकिन कई कॉलेज 50 या 100 सीटों के भी चल रहे हैं । अगले साल से ये कॉलेज एमसीआई से अनुमति लेकर 250 सीटें कर सकते हैं । बीओजी के सदस्य डॉ. आरएन सलहन ने बताया कि यदि सभी कॉलेज इसे अपनाते हैं तो अगले साल से एमबीबीएस की सीटें 35 हजार बढ़ जाएंगी। इतनी ही सीटें अभी भी हैं । यानी सीटों की कुल संख्या 70 हजार तक पहुं च जाएंगी। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों को फैकल्टी में भी छूट दी गई है । यह छूट करीब दस फीसदी की है । यह छूट उन्हीं फैकल्टी के लिए होंगी जिसकी देश में कमी है । तीसरे, मौजूदा नियमों के तहत 250 सीटों के लिए अभी 1,100 बिस्तरों का अस्पताल होना चाहिए। इसे घटाकर 900 बिस्तरों तक कर दिया गया है ।एमबीबीएस सीटों में इजाफे के लिए अगले सत्र से मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) मेडिकल कॉलेजों को दो शिफ्टों में चलाने की अनुमति दे सकती है। कुछ साल पूर्व एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग और प्रबंधन कॉलेजों को दो शिफ्टों में चलाने की अनुमति दी थी तभी से इस मामले पर गंभीरता से विचार हो रहा है । कुछ समय पूर्व प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी उच्च और तकनीकी शिक्षा के विस्तार के लिए मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर का अधिकाधिक इस्तेमाल करने को क हा था। एमसीआई के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) की बैठ कों में इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी हैं। बीओजी के सदस्य डॉ. आर.एन. सलहन ने गंगटोक से फोन पर बताया कि कॉलेजों के इंफ्रास्ट्रक्चर का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करके एमबीबीएस सीटों में इजाफे के प्रयास हो रहे हैं । इस कड़ी में कॉलेजों को दो शिफ्टों में चलाने की अनुमति देने का मामला भी हमारी बैठकों में आ चुका है । हालांकि, अभी इस पर अंतिम निर्णय होना बाकी है । आगामी बैठ कों में इस मुद्दे फि र चर्चा क र निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीओजी ने मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए कई नियमों को उदार बनाया है ताकि सरकार और निजी क्षेत्र के लिए मेडिकल कॉलेज खोलने की राह आसान हो सके । यदि एमबीबीएस की सीटें बढ़ेंगी तो ज्यादा नौजवानों को डॉक्टर बनने का मौका मिलेगा। दूसरे, दूर-दराज के क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज खोलने पर जोर दिया जा रहा है ताकि ग्रामीण पृष्ठभूमि के युवक ज्यादा से ज्यादा आएं और बाद में वे गांवों में सेवा दें। नई व्यवस्था एमसीआई के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी हैं आगामी बैठकों में इस मुद्दे फि र चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा(मदन जैडा,हिंदु्स्तान,दिल्ली,20.9.2010)
बहुत आवश्यक था ये .. मेडिकल की सीट कम होने से इतने दिनों में मेडिकल की ओर जाने की इच्छा रखनेवाले न जाने कितने बच्चों का कैरियर बर्वाद हुआ !!
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