नौवीं और दसवीं के बाद अब सीबीएसई ने कक्षा छठवीं से लेकर आठवीं तक सीसीई लागू कर दिया है। स्टूडेंट्स को होमवर्क से मुक्त रखा गया है। सीसीई में प्रोजेक्ट वर्क को लेकर मिल रही शिकायतों के चलते नई पहल में यह राहत दी गई है।
छात्रों को प्रायोगिक व सामूहिक ज्ञान देने के उद्देश्य से सतत समग्र मूल्यांकन (सीसीई) कक्षा छठवीं से लेकर आठवीं तक लागू कर दिया गया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के सीसीई के नए पैटर्न में स्टूडेंट्स को होमवर्क नहीं दिया जाएगा। प्रोजेक्ट भी क्लास में ही बनवाए जाएंगे।
लाइफ स्किल्स भी सिखाए जाएंगे : शिक्षकों के लिए जारी हुए टीचर्स मैन्युअल में बताया गया है कि साल में होने वाले दो सेमेस्टर के दौरान दस-दस फीसदी वेटेज के दो फॉरमेटिव (कुल चार) व तीस-तीस फीसदी के एक समेटिव (कुल दो) असेसमेंट परीक्षाएं होंगी।
फॉरमेटिव असेसमेंट के दौरान एक विषय के लिए अधिकतम एक ही पेपर-पेंसिल टेस्ट की अनुमति होगी। समेटिव असेसमेंट परीक्षा में बहुवैकल्पिक, लघु, विस्तृत प्रश्न शामिल किए जाएंगे। स्टूडेंट्स को नंबर की बजाए ग्रेड दिए जाएंगे। स्कॉलिस्टिक के लिए नौ पॉइंट स्केल और को-स्कॉलिस्टिक के लिए पांच पॉइंट स्केल बनाया गया है।
को-स्कॉलिस्टिक शिक्षा में लाइफ स्किल्स, नैतिक शिक्षा, खेलकूद, आर्ट व स्वास्थ्य की शिक्षा दी जाएगी।
फॉरमेटिव असेसमेंट के नए टूल्स : नए पैटर्न में फॉरमेटिव असेसमेंट डिबेट,ग्रुप डिस्कशन,क्विज,क्लब एक्टिविटी और कॉम्पिटीशन के आधार पर करना होगा। अब प्रोजेक्ट वर्क से स्टूडेंट्स बच जाएंगे।
दो हिस्सों में बंट गया कोर्स : सहोदय ग्रुप के सचिव पीएस कालरा ने बताया, स्टूडेंट्स के लिए पढ़ाई पहले से आसान हो जाएगी क्योंकि सेमेस्टर आने से कोर्स दो हिस्सों में बंट गया है। अप्रैल से सितंबर और अक्टूबर से मार्च।
यानी अब छठवीं से लेकर आठवीं तक के स्टूडेंट्स को अक्टूबर से मार्च तक पढ़ाए गए कोर्स की ही परीक्षा देनी होगी। दूसरा,होमवर्क न देने की बात कही गई है जो व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। भले ही लिखित होमवर्क न दें लेकिन क्लास रूम स्टडी के लिए तैयारी करने संबंधी होमवर्क देना होगा।
खास बातें
समेटिव असेसमेंट की परीक्षा में शामिल होंगे बहुवैकल्पिक, लघु व विस्तृत प्रश्न।
छठी से आठवीं कक्षा के लिए सीसीई के तहत टीचर्स ट्रेनिंग मैन्युअल जारी किया गया।
सालभर में चार फॉरमेटिव और दो समेविट असेसमेंट होंगे।
तीन से चार अलग-अलग टूल्स के जरिए फॉरमेटिव असेसमेंट किया जाए।
स्कॉलिस्टिक टेस्ट में नौ पॉइंट स्केल
ग्रेड स्केल मार्क्स ग्रेड
रेंज पॉइंट
ए1 91-100 10
ए2 81-90 9
बी1 71-80 8
बी2 61-70 7
सी1 51-60 6
सी2 41-50 5
डी 31-40 4
ई1 21-30 3
ई2 11-20 2
(डी ग्रेड ही परीक्षा में सफलता मानी जाएगी।)
को-स्कॉलिस्टिक टेस्ट में पांच पॉइंट स्केल
ग्रेड स्केल मार्क्स ग्रेड
रेंज पॉइंट
ए 4.1- 5.0 5
बी 3,1- 4.0 4
सी 2.1- 3.0 3
डी 1.1- 2.0 2
ई 0 -1.0 1
(डी ग्रेड ही परीक्षा में सफलता मानी जाएगी।)
(दैनिक भास्कर,भोपाल,19.9.2010)
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