राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत किया जाए। जिन विश्वविद्यालयों ने अब तक इस बारे में अधिसूचना जारी नहीं की है वे जल्द ही अदालती आदेश के आलोक में अधिसूचना जारी करें । बुधवार को न्यायमूर्ति नवनीति प्रसाद सिंह की एकलपीठ ने डा. विष्णुदेव विद्यार्थी एवं अन्य की ओर से दायर अवमानना अर्जी पर सुनवाई की। पटना मगध एवं बिहार विश्वविद्यालयों की ओर से अदालत को बताया गया कि अदालती आदेश के आलोक में अधिसूचना जारी कर दी गई है वही वीर कुंअर सिंह विवि का कहना था कि हाईकोर्ट में जो मामला था उस केस में वह न तो पार्टी था और न ही उसे किसी प्रकार का आदेश जारी किया गया। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि राज्य में पटना एवं बिहार विवि कानून लागू है तथा इसी कानून के तहत अदालत ने अपना फैसला दिया है । यह फैसला राज्य के सभी विश्वविद्यालयों पर समान रूप से लागू होता है। हम केस में पार्टी नहीं है तथा अदालती आदेश हम पर लागू नहीं होता है,ऐसा कह वह बच नहीं सकते हैं। अदालत ने बाकी बचे विश्वविद्यालयों को एक मौका देते हुए मामले की सुनवाई 22 सितंबर तक के लिए टाल दी(हिंदुस्तान,पटना,16.9.2010)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।